मंडी में 108 व 102 एम्बुलेंस कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल सफल, सेवाएं ठप - Smachar

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मंडी में 108 व 102 एम्बुलेंस कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल सफल, सेवाएं ठप

 मंडी में 108 व 102 एम्बुलेंस कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल सफल, सेवाएं ठप


मंडी : अजय सूर्या /

 हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 108 और 102 एम्बुलेंस कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल पूरी तरह सफल रही। न्यूनतम वेतन, ओवरटाइम भुगतान और छुट्टियों की मांग को लेकर सीटू से संबद्ध एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर गत रात्रि 12 बजे से शुरू हुई यह हड़ताल शनिवार रात तक चलेगी। इसके चलते जिले की 28 लोकेशनों पर तैनात 50 एम्बुलेंस और बाइक एम्बुलेंस सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं, जिससे आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ा।

जिले के 169 कर्मचारी (ड्राइवर और ईएमटी सहित) हड़ताल पर हैं। हड़ताली कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय मंडी में एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया और शहर में रैली निकाली। प्रदर्शन का नेतृत्व यूनियन के जिला प्रधान सुमित कपूर, महासचिव पंकज कुमार, संतोष कुमारी, ममता शर्मा, रजनी, तिलक राज, योगेश कुमार, चमन लाल, मनोज कुमार, रजनीश, हंस राज तथा सीटू के जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह और राजेश शर्मा ने किया।

यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेशभर में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत मेडस्वान फाउंडेशन कंपनी द्वारा संचालित 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाओं में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारी लंबे समय से शोषण का शिकार हैं। पहले जीवीके कंपनी द्वारा 2010 में नियुक्त इन कर्मचारियों को 2022 में मेडस्वान फाउंडेशन ने नियुक्त किया, लेकिन पुरानी कंपनी से छंटनी भत्ता, ग्रेच्युटी और अन्य भत्ते आज तक नहीं दिए गए। वर्तमान कंपनी भी निर्धारित न्यूनतम वेतन नहीं दे रही और 12 घंटे की ड्यूटी के बावजूद ओवरटाइम का भुगतान नहीं कर रही।

हिमाचल हाईकोर्ट, लेबर कोर्ट, सीजीएम कोर्ट शिमला और श्रम विभाग के आदेशों की अवहेलना जारी है। यूनियन के माध्यम से मांगें उठाने पर कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। पहले दो बार एक-एक दिन की हड़ताल हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला, इसलिए इस बार दो दिन की हड़ताल का फैसला लिया गया।

सीटू जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने चेतावनी दी कि यदि कंपनी और सरकार ने सरकारी नियमों के अनुसार वेतन, ओवरटाइम, सभी छुट्टियां, वाहन मेंटेनेंस-इंश्योरेंस अवधि में पूरा वेतन, बीमारी के दौरान वेतन, हाईकोर्ट व श्रम विभाग के आदेशों का पालन और यूनियन नेताओं की प्रताड़ना बंद नहीं की, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। इसके लिए पूरी जिम्मेदारी सरकार और कंपनी की होगी। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा हड़ताल कुचलने के लिए लगाए गए एस्मा कानून की भी कड़ी निंदा की और कहा कि यदि किसी कर्मचारी को प्रताड़ित किया गया तो यूनियन कड़ा विरोध करेगी।

प्रदेशभर में यह हड़ताल 25 दिसंबर रात से 27 दिसंबर रात तक चल रही है, जिससे आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हैं। यूनियन ने जनता से सहयोग की अपील की है।

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