राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे शहीद भगत सिंह प्रेस एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा अत्याचार - रमेश बहल - Smachar

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राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे शहीद भगत सिंह प्रेस एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा अत्याचार - रमेश बहल

 राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे शहीद भगत सिंह प्रेस एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा अत्याचार - रमेश बहल


बटाला,  (अविनाश शर्मा, संजीव नैयर)- पिछले दिनों बटाला में आम आदमी पार्टी के विधायक के आवास के सामने पार्क में कुछ लोगों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया था जिसकी वीडियो शहीद भगत सिंह प्रेस एसोसिएशन के पंजाब अध्यक्ष रमेश बहल की ओर से सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट करके घटना का सख्त विरोध किया था और संगठन ने इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. संगठन की ओर से दी गई याचिका पर कोई कार्रवाई न होने पर संगठन ने प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल करने का ऐलान किया था. आज जब संगठन के पंजाब अध्यक्ष रमेश बहल ने घटना स्थल पर भूख हड़ताल की तो पुलिस ने उक्त स्थान पर तंबू लगाने की अनुमति नहीं होने का हवाला देते हुए तंबू हटा दिया और मजबूरन रमेश बहल और उनके साथियों को भीषण गर्मी में बैठने को मजबूर होना पड़ा इस मामले में पत्रकारों से बात करते हुए शहीद भगत सिंह प्रेस एसोसिएशन के पंजाब अध्यक्ष रमेश बहल ने कहा कि वह देश के सम्मान और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को लेकर भूख हड़ताल पर हैं और आज तक न तो इस झंडे को बदला गया है और न ही राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वाले दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है और उन्हें अमानवीय यातनाएं दी जा रही हैं और उन्हें कड़ी धूप में बिना तंबू के बैठने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से उन्हें भूख हड़ताल करने की इजाजत नहीं दी जा रही है, उन्होंने कहा कि संगठन ने लगातार एसडीएम बटाला को भूख हड़ताल के बारे में याचिका दी है, लेकिन उन्होंने चुनाव प्रचार का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी है। रमेश बहल ने कहा कि बिना अनुमति राष्ट्रीय ध्वज को उतारकर उसका अपमान किया गया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

लेकिन राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में आयोजित शतमई भूख हड़ताल पर बैठे हैं तो पुलिस की ओर से 

  अमानवीय अत्याचार किया जा रहा है.तेज धुप में बिना टैंट के बैठने के लिए मजबूर किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से बहाना लगाया जा रहा है कि आपके पास भूख हड़ताल करने की परमिशन नहीं है । रमेश बहल ने कहा की जथेबंदी की ओर से लगातार एसडीएम बटाला को भूख हड़ताल बारे लिखत दरखास्तें दी गई हैं पर उन्होंने चुनाव जाब्ते का हवाला देकर इजाजत नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि वह पुलिस और राजनीतिक उत्पीड़न के आगे नहीं झुकेंगे और यह आंदोलन अंत तक जारी रहेगा. रमेश बहल ने कहा कि अगर सरदार भगत सिंह तिरंगे के लिए कम उम्र में शहादत दे सकते हैं तो वे शहादत की सोच पर अमल करने की कोशिश करेंगे और तिरंगे के हुए अपमान वाली जगह पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे और अमानवीय यातनाएं सहेंगे ।

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