उत्तराखंड में मौलवी ने उर्दू पढ़ाने के नाम पर कई मासूम बच्चियों का किया यौन शोषण
उत्तराखंड में मौलवी ने उर्दू पढ़ाने के नाम पर कई मासूम बच्चियों का किया यौन शोषण
आरोपी मौलवी का संबंध शाहबाद, पीलीभीत से बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, वह दो महीने पहले ही ऊधमसिंह नगर में आया था और इस अवैध मदरसे में उर्दू सिखाने का काम करने लगा था। फिलहाल, आरोपी जेल में है और पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मौलवी को गिरफ्तार कर लिया। चार दिन की जांच में अब तक पांच बच्चियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। ये सभी बयान नियमानुसार वीडियोग्राफी के माध्यम से रिकॉर्ड किए गए हैं और कोर्ट में भी पेश किए गए हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) से भी संपर्क किया है, ताकि प्रभावित बच्चियों और उनके परिवारों की काउंसलिंग कराई जा सके।
एसपी ने बताया कि आरोपी मौलवी बच्चों को धमकाता था कि अगर उन्होंने इस बारे में अपने माता-पिता को कुछ भी बताया, तो वह एक जिन्न को बुलाकर उनके माता-पिता को मार देगा। इस धमकी से डरकर बच्चियां मौलवी की करतूतों को छुपाने पर मजबूर थीं। लेकिन, एक बच्ची ने साहस दिखाते हुए अपने माता-पिता को सब कुछ बता दिया, जिसके बाद उसकी मां ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
आपको बता दें कि यह मामला उत्तराखण्ड के ऊधमसिंह नगर के एक स्थानीय मस्जिद से निकल कर सामने आया है। पुलिस के अनुसार, मौलवी ने उर्दू पढ़ाने के नाम पर कई मासूम बच्चियों का यौन शोषण किया और उन्हें पोर्नोग्राफी दिखाई। मामले का खुलासा पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर हुआ, जिसके बाद मौलवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
एसपी ऊधमसिंह नगर ने एक वीडियो जारी करते हुए इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 17 तारीख को पीड़िता की मां की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। शिकायत के अनुसार, आरोपी मौलवी रुद्रपुर के मलसीसर इलाके में स्थित एक मस्जिद के ऊपर बने अवैध मदरसे में उर्दू सिखाने के लिए आने वाली बच्चियों का शारीरिक शोषण करता था। मौलवी पर आरोप है कि वह इन मासूम बच्चियों को पोर्नोग्राफी दिखाकर उनका यौन शोषण करता था।
पुलिस की जांच में अब तक पांच बच्चियों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिनमें से हर एक ने मौलवी द्वारा किए गए अत्याचारों की पुष्टि की है। ये बच्चियां सामान्य स्कूलों में पढ़ने के बाद दोपहर के समय उर्दू सीखने के लिए उस मदरसे में जाती थीं। मौलवी बड़े बच्चों को कड़ी सजा देने का नाटक करता था, ताकि उन्हें जल्दी घर भेजा जा सके, जबकि छोटी बच्चियों को अधिक देर तक मदरसे में रोककर उनके साथ गलत काम करता था।
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