कांग्रेस सरकार का तानाशाही फैसला, 700 पद खत्म कर हजारों परिवारों पर संकट – राकेश जम्वाल - Smachar

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कांग्रेस सरकार का तानाशाही फैसला, 700 पद खत्म कर हजारों परिवारों पर संकट – राकेश जम्वाल

कांग्रेस सरकार का तानाशाही फैसला, 700 पद खत्म कर हजारों परिवारों पर संकट – राकेश जम्वाल 


धर्मशाला : भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राकेश जम्वाल ने कांग्रेस सरकार के बिजली बोर्ड में 700 पदों को समाप्त करने के फैसले पर तीखा हमला बोलते हुए इसे हजारों परिवारों पर आर्थिक संकट थोपने वाला तानाशाही कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकार की कर्मचारी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है, जो न केवल नौकरियों पर कुठाराघात कर रहा है, बल्कि युवाओं के भविष्य को भी अंधकार में धकेल रहा है।

राकेश जम्वाल ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की अनदेखी की हो। इससे पहले भी कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स को बिना मुआवजे के नौकरी से निकाल दिया गया आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाकर हजारों युवाओं को बेरोजगार कर दिया गया।अब नियमित कर्मचारियों पर गाज गिराते हुए 700 पद समाप्त कर दिए गए।भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कर्मचारियों, अभियंताओं और पेंशनर्स ने इस फैसले का लगातार विरोध किया, लेकिन सरकार ने बिना किसी संवाद के इसे जबरन लागू कर दिया। यह कांग्रेस सरकार की जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी नीतियों को उजागर करता है।

उन्होंने कहा जब केंद्र सरकार से हिमाचल को लगातार विकास योजनाओं के लिए सहायता मिल रही है, तब प्रदेश सरकार लगातार कर्ज क्यों बढ़ा रही है?नए पद सृजित करने की बजाय पहले से स्वीकृत पद क्यों खत्म किए जा रहे हैं?विकास कार्य ठप क्यों पड़े हैं? सड़कों, बिजली, पानी की योजनाएं ठप्प क्यों हैं?युवाओं को रोजगार देने के बजाय उन्हें बेरोजगार क्यों किया जा रहा है?उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है। सरकारी संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है, जिससे हिमाचल में अराजकता का माहौल बन रहा है।

राकेश जम्वाल ने कहा कि बिजली बोर्ड में पदों को समाप्त करने के खिलाफ कर्मचारी लंबे समय से विरोध जता रहे थे। जॉइंट फ्रंट ने सरकार और प्रबंधन को कई बार नोटिस दिया, लेकिन सरकार ने संवाद करने के बजाय तानाशाही रवैया अपनाया, जो लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है।उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को अनसुना कर प्रशासनिक अराजकता को बढ़ावा दे रही है। पहले स्कूलों को बंद किया गया, स्वास्थ्य संस्थानों पर ताले लगाए गए और अब बिजली बोर्ड में 700 पद खत्म कर हजारों परिवारों पर संकट खड़ा कर दिया गया।

भाजपा प्रवक्ता ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यह फैसला वापस नहीं लिया गया, तो भाजपा इसे सड़क से लेकर सदन तक उठाएगी।यह फैसला हजारों परिवारों की रोजी-रोटी पर सीधा हमला है, जिसे भाजपा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।मुख्यमंत्री को जनता को जवाब देना होगा कि उनकी सरकार हिमाचल में बेरोजगारी बढ़ाने और कर्मचारियों को हटाने की नीति पर क्यों चल रही है?भाजपा हर मंच पर कर्मचारियों और युवाओं के हक की लड़ाई लड़ेगी और इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेगी।उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा हर संभव संघर्ष करेगी और कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी।

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