सीएम सुक्खू ने बदला जयराम का एक और फैसला, बिजली के बाद अब पानी भी फ्री नहीं मिलेगा
शिमला : सुक्खू कैबिनेट ने फैसला किया है कि ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी के कनेक्शन पर अब पैसे देने होंगे। सरकारी कनेक्शन पर 100 रुपये प्रतिमाह चार्ज लिया जाएगा। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में 50 हजार रुपये सालाना आय या इससे कम आय वालों को ये चार्ज नहीं देना पड़ेगा।
हिमाचल प्रदेश में अब मुफ्त कुछ नहीं मिलेगा। आर्थिक संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में बड़ा फैसला लिया है। शिमला के राज्य सचिवालय में हुई मीटिंग में अब फैसला हुआ है कि हिमाचल प्रदेश में इनकम टैक्स भरने वाले परिवारों को 125 मुफ्त बिजली के बाद अब पीने का पानी बिल देना होगा।
कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि कि गरीब जनता और कम आय वाले परिवारों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी ये चार्ज लिया जाता था, लेकिन पूर्व की जय राम सरकार ने चुनावी दृष्टि से इसे खत्म कर दिया था। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कई लोग घरों के लिए लगाए सरकारी पीने के पानी के कनेक्शन का इस्तेमाल कर्मशियल गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करते हैं।
सरकार ने फैसला लिया था कि इनकम टैक्स भरने वालों, मंत्रियों, विधायकों, पूर्व विधायकों और अफसरों को बिजली दरों में दी जा रही सब्सिडी नहीं मिलेगी। इनके अलावा अन्य उपभोक्ताओं को एक परिवार- एक मीटर के आधार पर ही सस्ती और मुफ्त बिजली देने का फैसला किया था। लेकिन सुक्खू सरकार एक के बाद एक, जयराम सरकार के फैसलों में बदलाव कर रही है।
गौरतलब है कि 15 अप्रैल 2022 में विधानसभा चुनाव से चंद माह पहले तत्कालीन सीएम जयराम ठाकुर ने हिमाचल दिवस के मौके पर ऐलान किया था और लोगों के बिजली बिल माफ करने के अलावा, भविष्य में कोई बिल ना देने की घोषण की थी। तब से हिमाचल प्रदेश में पानी के बिल किसी भी उपभोक्ता को नहीं आ रहे थे। इस दौरान जयराम ठाकुर ने प्रदेश में 125 यूनिट मुफ्त बिजली का भी ऐलान किया था। लेकिन 12 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में सुक्खू सरकार ने अमीरों के लिए 125 यूनिट फ्री योजना को भी बंद करने की मंजूरी दी थी।
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