एन पी एस पेंशन योजना न होकर शेयर बाजार शतप्रतिशत असुरक्षित म्यूचुअल फंड योजना कहना ही बेहतर रहेगा : डॉ संजीव गुलेरिया
नगरोटा सूरियां :प्रेम स्वरूप शर्मा / एन पी एस पेंशन योजना न होकर शेयर बाजार शतप्रतिशत असुरक्षित म्यूचुअल फंड योजना कहना ही बेहतर रहेगा। यह कहना है न्यु पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजीव गुलेरीया का, उन्होंने कहा कि जिसमें सेवानिवृत्त होने पर सुरक्षित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।
जबकि पुरानी पेंशन योजना में सेवानिवृत्त होने के पश्चात् निश्चित पेंशन जो कि अंतिम मूल वेतन के पचास प्रतिशत की गारंटी है।
डॉ संजीव गुलेरीया ने कहा कि अनर्थ शास्त्री जिन्हें अर्थ शास्त्र का अ आ इ तक मालूम नहीं है वो रोज रोज अनाप शनाप कह रहे हैं,और सरकार की बेचैनी इनके माध्यम से प्रतिबिंबित होती साफ नजर आती है। डॉ संजीव गुलेरीया ने कहा कि कार्पोरेट जगत का लाखों करोड़ लोन माफ करना, माननीयों पर फिजूल खर्च, चुनाव घोषणापत्र में मुफ्त रेवड़ियां बांटी जाती हैं, जनता द्वारा टैक्स के रूप में दी गई धनराशि जो सरकार द्वारा लुटाई जा रही है, इनको नजर नहीं आती। अपने आका ने कहा कि ओपीएस लागू करने से प्रलय आ जाएगा यह जनता को समझाओ तो बस वही नजर आता है।
सरकार लुटा रही है शेयर बाजार में कर्मचारियों अधिकारियों की मेहनत की कमाई। सेवानिवृत्त होने पर कर्मचारी अधिकारी वर्ग अपने को ठगा महसूस करता है।
एन पी एस में शेयर बाजार आधारित कम्पनियों द्वारा पेंशन भुगतान किया जाता है।इस में कर्मचारियों अधिकारियों को जो जमा राशि का भुगतान किया जाता है उस पर तीस प्रतिशत इनकम टैक्स काटा जाता है और एन पी एस फंड में जमा राशि से चालिस प्रतिशत राशि किसी एक पेंशन कंपनी में निवेश करना होता है और उस चालिस प्रतिशत राशि पर जो ब्याज मिलता है उसे सरकार ने पेंशन नाम दे दिया है, जबकि वो चालिस प्रतिशत राशि कर्मचारी अधिकारी की स्वयं की सेविंग की हुई राशि है।
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