तबाही में खोये अपनों की तलाश में पथरा गईं आंखे, इंतजार में बैठे परिजन
शिमला : पानी और मलबे के बीच अपनों को ढूंढती परिजनों की आंखें सूखने लगी हैं। शिमला जिला के रामपुर उपमंडल के समेज में वीरवार के बाद शुक्रवार को भी लापता लोगों के स्वजन डटे रहे। इन्हें उम्मीद है कि इनके अपने सुरक्षित होंगे।
रामपुर बुशहर में 14 अगस्त, 2006 में गानवी गांव में भीषण त्रासदी आई थी और 52 लोग बादल फटने के कारण बाढ़ की चपेट में आ गए थे और जान गंवा दी थी। अपनों की तलाश में शुक्रवार सुबह से ही समेज खड्ड के पास ग्रामीण मौजूद रहे। एनडीआरएफ, सेना के जवान, स्थानीय पुलिस, आइटीबीपी, सीआइएसएफ, गृहरक्षक, स्थानीय लोग लापता लोगों की तलाश में जुटे रहे।
धवार रात बादल फटने के बाद आई बाढ़ से 33 लोग लापता हैं। शुक्रवार को प्रशासन की ओर से एक बड़ी जेसीबी को खड्ड में उतार कर सर्च आपरेशन शुरू किया गया है। यहां तक भारतीय सेना ने खड्ड में शिमला व कुल्लू जिला के दोनों छोर पर एक अस्थायी पुल बनाने का काम शुरू कर दिया।
कई ग्रामीणों ने इस हादसे में पूरे परिवार को खो दिया है तो किसी के अन्य पारिवारिक सदस्य लापता हुए हैं, उनका रो-रो कर बुरा हाल है। ग्रामीणों के लिए भारतीय सेना की ओर से एक स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया है और दवाएं दी जा रही हैं। इससे राहत मिल रही है।
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