नेपाल बस हादसे पर पीएम मोदी ने जताया दुःख, भारतीय दूतावास हरसंभव सहायता कर रहा प्रदान
मध्य नेपाल में एक भारतीय बस शुक्रवार को राजमार्ग से पलटकर 150 मीटर नीचे तेज बहाव वाली नदी में गिर गई। पुलिस के मुताबिक, इसमें कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई जबकि 16 अन्य घायल हो गये। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की यह बस पोखरा से काठमांडू की ओर जा रही थी, तभी यह तनहुन जिले के आइना पहारा में राजमार्ग से पलट गई। बस में चालक और सह-चालक समेत 43 लोग सवार थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को हुए नेपाल में सड़क हादसे में 27 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि नेपाल के तनहुन जिले में सड़क दुर्घटना के कारण लोगों की मौत से दुखी हूं।
शोकसंतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। भारतीय दूतावास प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक, नेपाल में शुक्रवार को एक भारतीय बस राजमार्ग से पलटकर मर्स्यांगदी नदी में गिरने से जिन 27 लोगों की मौत हुई है यह सभी लोग महाराष्ट्र के जलगांव के निवासी बताए जा रहे हैं। अधिकारियों ने यहां बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर वहां से शवों और घायलों का वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना की विशेष उड़ान का प्रबंध करने का अनुरोध किया है। एक सरकारी बयान के अनुसार, ये पीड़ित मुंबई से करीब 470 किलोमीटर दूर जलगांव जिले के वरणगांव, दरियापुर, तलवेल और भुसावल के थे।
नेपाल में सशस्त्र पुलिस बल के उप प्रवक्ता शैलेन्द्र थापा ने काठमाडू में न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 11 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की यह बस पोखरा से काठमांडू की ओर जा रही थी, तभी यह तनहुन जिले के आइना पहारा में राजमार्ग से पलट गई। बस में चालक और दो सहायकों समेत 43 लोग सवार थे।
केंद्र सरकार को लिखे पत्र में महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन निदेशक लाहू माली ने कहा कि 24 अगस्त की शाम में शवों और घायल यात्रियों को गोरखपुर लाया जाएग, लेकिन उन्हें वाणिज्यिक विमान से वापस महाराष्ट्र लाना संभव नहीं है, इसलिए वायुसेना के विमान का प्रबंध किया जाए। पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार गोरखपुर से हताहतों को नासिक तक लाने के लिए उड़ान का खर्च वहन करेगी।
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