शिमला एक ही गांव के 33 लोग जाएगें, आइए जानें क्या है माजरा
शिमला एक ही गांव के 33 लोग जाएगें, आइए जानें क्या है माजरा
(शिमला: गायत्री गर्ग)
9 वर्ष बाद मिला इन्साफ आपको बताते चलें कि वर्ष 2015 में झीना के तुईल गांव में मृतक नरवीर ने आपसी रंजिश के चलने अपने पड़ोसी भरत भूषण उर्फ बंटी पर गोली दागी थी, जिस पर बंटी की मौत के बाद ग्रामीणों ने रोष में आकर नरवीर के घर को आग लगाने की कोशिश की। उसके बाद नरवीर को गांव के साथ दौड़ा-दौड़ा कर मारा। जिसका शव करीब 500 मीटर दूर झाडिय़ों में मिला। जिसके बाद झीना सहित तुईल गांव में माहौल बिगड़ गया था। जिसके चलते पुलिस ने कारवाई करते हुए चौपाल पुलिस थाना ने भारतीय दंड संहिता के अनुसार 147, 148, 149, 452, 323, 354, 436, 364, 506, 302 व 325 के तहत दर्ज किया। इस मामले में 34 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें से मुकदमे के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई थी और 33 आरोपियों को यह सजा सुनाई गई है।
जिला न्यायवादी मुक्ता कश्यप ने कहा कि अदालत ने सभी 33 आरोपियों को यह सजा सुनाई है। इस मामले में अदालत ने पहले ही आरोपियों को दोषी करार दिया था और विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई गई है।
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