7 लाख रुपए की धनराशि एकत्रित कर आश्रितों को सौंपी संजय चौहान ने छोटी उम्र में बड़ी मिसाल
7 लाख रुपए की धनराशि एकत्रित कर आश्रितों को सौंपी संजय चौहान ने छोटी उम्र में बड़ी मिसाल
कुल्लू जिला की सैंज घाटी के न्यूली निवासी होनहार युवा संजय चौहान ने छोटी उम्र में बड़ी मिसाल पेश की है। संजय और उसके भाई अजय चौहान ने बीते 25 जून को जीवा नाला में बादल फटने से आई बाढ़ से प्रभावित हुए परिवारों के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से एक सप्ताह में 7 लाख रुपए की धनराशि एकत्रित कर आश्रितों को सौंपी है। मूल रूप से शांघड़ पंचायत के कहणा गांव के निवासी संजय चौहान, राजू चौहान के तीन पुत्रों में से सबसे छोटे है। उनके दादा वीर सिंह चौहान वन विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं। संजय की परवरिश बचपन से ही खुले माहौल में हुई है, लिहाजा बाल्यकाल से ही वह क्रिएटिव रहे हैं स्कूली शिक्षा और वेटनरी फार्मासिस्ट की पढ़ाई के साथ संजय ने सोशल मीडिया पर अपने चैनल लॉन्च किए, जो संजय की रचनात्मकता के कारण तेजी से विख्यात हुए। संजय समय समय पर जीवंत मुद्दों को प्रमुखता से जनता के बीच लाते रहे हैं। हाल ही में सैंज घाटी के जीवा नाला में बादल फटने से आई बाढ़ में बिहाली गांव में भारी नुक्सान के साथ तीन लोगों की जाने चले गई तो आश्रितों की दुर्दशा देखकर संजय का मासूम मन खासा उदास हो गया। बाढ़ में उजड़े गांव गया और उस महिला से मिला जिसका पति और आठ साल की नन्ही गुड़िया को बाढ़ निगल गई। उनके साथ घर पर आई एक रिश्तेदार भी जलप्रलय में समा गई। उस महिला के पास न घर बचा और न जमीन। तन पर पहने कपड़ों के अलावा बाढ़ में सब कुछ बह चुका था। संजय चौहान ने अपने चैनल पर प्रभावितों के लिए फंड अरेज करने की गुहार लगाई और एक सप्ताह में सात लाख रुपए की राशि एकत्रित कर आज आश्रितों को सौंपी। संजय की इस पहल पर सैंज घाटी में उनकी प्रशंसा हो रही है। संजय चौहान ने कहा कि उसने प्रभावित परिवार से उनके लिए कुछ अच्छा करने का वादा किया था। सोशल मीडिया में पोस्ट डालने पर उनके फॉलोवर्स ने उन्हें खुले मन से स्पोर्ट किया और यह राशि एकत्रित हुई है।
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