राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय थिरोट में कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप, बच्चों को मिली मिलेट्स,
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय थिरोट में कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप, बच्चों को मिली मिलेट्स, औषधीय पौधों व पर्यावरण संरक्षण की जानकारी
केलांग : ओम बौद्ध /
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय थिरोट में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और उन्हें पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति जागरूक बनाने के उद्देश्य से कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बच्चों को मिलेट्स (श्री अन्न), औषधीय पौधे, ई-वेस्ट प्रबंधन और जल संरक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
मुख्यातिथि ने दिए उपयोगी सुझाव
कार्यशाला में जिला कृषि अधिकारी मुंशी राम ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने उनका पारंपरिक सम्मान करते हुए खतग पहनाकर स्वागत किया।
अपने संबोधन में मुंशी राम ठाकुर ने विद्यार्थियों को मिलेट्स (जैसे रागी, ज्वार, बाजरा, कोदो आदि) के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि मिलेट्स न केवल पोषण का बेहतर स्रोत हैं, बल्कि इन्हें सुपरफूड भी कहा जाता है। ये शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को रोकने में मददगार हैं।
इसी तरह उन्होंने बच्चों को मेडिसिनल प्लांट्स (औषधीय पौधों) के उपयोग और उनके लाभों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाने वाले कई पौधे आयुर्वेदिक औषधियों का महत्वपूर्ण आधार हैं और इनका संरक्षण बेहद जरूरी है।
ई-वेस्ट और जल संरक्षण पर जोर
कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों को ई-वेस्ट (इलेक्ट्रॉनिक कचरे) के दुष्प्रभाव और इसके सही प्रबंधन के तरीके भी समझाए गए। वक्ताओं ने कहा कि मोबाइल, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का कचरा यदि सही तरीके से निपटाया न जाए तो यह पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
इसके अलावा बच्चों को जल संरक्षण के महत्व पर भी जागरूक किया गया। उन्हें समझाया गया कि बदलते मौसम और ग्लोबल वार्मिंग के दौर में पानी की हर बूंद कीमती है। इसलिए वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों का संरक्षण और पानी के विवेकपूर्ण उपयोग को जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
अक्षय ऊर्जा की जानकारी
कार्यशाला में बच्चों को अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) के तहत जल ऊर्जा, पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा की उपयोगिता के बारे में भी विस्तार से बताया गया। विशेषज्ञों ने कहा कि पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की सीमित उपलब्धता को देखते हुए भविष्य अक्षय ऊर्जा का है और विद्यार्थियों को इन तकनीकों के बारे में शुरुआत से ही जानकारी होना आवश्यक है।
विद्यार्थियों ने लिया संकल्प
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में मिलेट्स का सेवन, औषधीय पौधों का संरक्षण, ई-वेस्ट का सही निपटान और जल संरक्षण को आदत बनाएंगे।
प्रधानाचार्य ने कार्यशाला को सफल बनाने में सहयोग देने के लिए मुख्य अतिथि और आयोजकों का धन्यवाद किया तथा कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं बच्चों में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
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