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अब साल में चार माह ही बनेंगे हिम केयर कार्ड, IGMC में 55 करोड़ पेंडेंसी

 अब साल में चार माह ही बनेंगे हिम केयर कार्ड, IGMC में 55 करोड़ पेंडेंसी

➤हिम केयर कार्ड अब साल में केवल चार महीने बनेंगे

➤GMC में हिम केयर की 55 करोड़ रुपए की पेंडेंसी


➤दोनों योजनाओं के कार्ड पर सख्ती, अंडरटेकिंग जरूरी

पराक्रम चंद, 

शिमला : गायत्री गर्ग /

शिमला। हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े हिम केयर कार्ड को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राहुल राव ने बताया कि अब हिम केयर कार्ड पूरे साल में केवल चार माह ही बनाए जा सकेंगे। यह नियम जल्द ही लागू किया जाएगा।

डॉ. राव ने बताया कि अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना और हिम केयर योजना दोनों के लाभार्थियों को इलाज में राहत दी जा रही है, लेकिन वित्तीय अनियमितताओं और फंड की देरी के कारण व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2024 के बाद से IGMC को आयुष्मान योजना के अंतर्गत करीब 30 करोड़ रुपए की राशि नहीं मिली, जबकि हिम केयर योजना की पेंडेंसी 55 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

उन्होंने बताया कि कुछ मरीज दोनों योजनाओं के कार्ड लेकर अस्पताल में आ रहे हैं, जो नियमों के खिलाफ है। ऐसे मामलों में मरीजों से अंडरटेकिंग ली जा रही है कि वे किस योजना के तहत इलाज कराना चाहते हैं। साल 2024 में हिम केयर योजना के अंतर्गत 40 हजार मरीजों को 97 करोड़ रुपए का इलाज मुहैया कराया गया, जबकि आयुष्मान योजना के तहत 11,900 मरीजों को 30 करोड़ रुपए का लाभ पहुंचाया गया।

डॉ. राव ने यह भी जानकारी दी कि अस्पताल में कैंसर रोगियों के लिए पैट स्कैन मशीन भी जल्द उपलब्ध कराई जा रही है और 15 अगस्त से पहले इसे शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि नए नियमों और सख्ती का उद्देश्य केवल पारदर्शिता बनाए रखना और फंड की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करना है, ताकि सभी पात्र मरीजों को योजनाओं का लाभ मिल सके।

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