पालमपुर से दिल्ली की पाँचों बसें क्यों बंद? विधानसभा में उठा सवाल
पालमपुर से दिल्ली की पाँचों बसें क्यों बंद? विधानसभा में उठा सवाल
पालमपुर से दिल्ली जाने वाली पांचों वॉल्वो और साधारण बसों के अचानक बंद होने का मुद्दा अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। इस विषय को विधानसभा में उठाने की मांग स्थानीय जनता के साथ-साथ नेताओं ने भी की है।
विधायक ने उठाया प्रश्न
पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल ने विधानसभा सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री से सीधा सवाल किया कि आखिर पालमपुर से दिल्ली के लिए सांय 3:45, 6:10, 6:40, 7:45 और 9:00 बजे चलने वाली सभी बसें अचानक बंद क्यों कर दी गईं?
प्रवीन कुमार ने सरकार पर साधा निशाना
इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने आशंका जताई कि—
कहीं यह निर्णय प्राइवेट बस ऑपरेटरों से मिलीभगत का हिस्सा तो नहीं है?
आखिर जब इन्हीं समय स्लॉट्स पर पालमपुर बस अड्डे के बाहर दिल्ली जाने वाली निजी बसों की लंबी कतारें और यात्रियों की भीड़ मौजूद रहती है, तो एचआरटीसी की बसें क्यों हटाई गईं?
प्रवीन कुमार ने कहा कि यह जनता की आवाज़ है और सरकार को इसके पीछे के असली कारण स्पष्ट करने होंगे।
परिवहन व्यवस्था पर सवाल
पूर्व विधायक ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि यह भी परिवहन विभाग की “व्यवस्था परिवर्तन” की रणनीति का हिस्सा है, तो यह सीधा जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि पालमपुर जैसे बड़े कस्बे से दिल्ली के लिए सीधी सरकारी बसों का न चलना स्थानीय नागरिकों, विद्यार्थियों और व्यवसायियों के लिए बड़ी समस्या है।
बस अड्डे की खाली पड़ी भूमि पर भी उठे सवाल
प्रवीन कुमार ने जनता की अदालत से सवाल करते हुए यह भी कहा कि पालमपुर बस अड्डे के चारों ओर की खाली पड़ी भूमि का उपयोग आखिर क्यों नहीं किया जा रहा?
उन्होंने याद दिलाया कि अपने विधायक कार्यकाल के दौरान करीब डेढ़ दशक पहले उन्होंने इस भूमि पर मिनी वर्कशॉप, पार्किंग और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स (मॉल) बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन आज तक इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
उन्होंने मौजूदा विधायक से आग्रह किया कि विधानसभा के माध्यम से जनता को इसकी अद्यतन जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।
जनता में नाराज़गी
स्थानीय लोगों का कहना है कि दिल्ली जाने के लिए सरकारी बसों के न चलने से उन्हें निजी बसों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जहां किराया अधिक और सुविधाएं कम हैं। लोगों ने सरकार से मांग की है कि इन बसों को तत्काल बहाल किया जाए।
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