पालमपुर में जाइका परियोजना के अंतर्गत कृषक विकास संघों के प्रबंधन पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित
पालमपुर में जाइका परियोजना के अंतर्गत कृषक विकास संघों के प्रबंधन पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित
पालमपुर हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (एचपीसीडीपी चरण–II), जो जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) द्वारा समर्थित है, के अंतर्गत आज जिला परियोजना प्रबंधन इकाई पालमपुर की ओर से कृषि विज्ञान केंद्र, काँगड़ा में कृषक विकास संघों के प्रबंधन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
40 किसानों ने लिया भाग
इस प्रशिक्षण शिविर में खंड परियोजना प्रबंधक इकाई देहरा और शाहपुर से संबंधित 14 उप–परियोजनाओं के लगभग 40 किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया। शिविर का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषक विकास संघों की संरचना, उनकी महत्ता और परियोजना के समापन उपरांत प्रबंधन संबंधी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना था।
विषय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
कार्यक्रम में डॉ. रजनीश शर्मा ने परियोजना की प्रमुख गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से—
लघु कृषक बागवानी सशक्तिकरण संवर्धन
उत्पादन प्रबंधन एवं मूल्य प्राप्ति कार्यक्रम
जाइका सब्जी उद्यानों की अवधारणा
पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इन पहलों का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और उन्हें प्राकृतिक एवं रसायनमुक्त खेती की ओर प्रेरित करना है।
परिसंपत्तियों की जिम्मेदारी किसानों को
सेवानिवृत्त जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. प्रेम लाल शर्मा ने कृषक विकास संघों की प्रबंधन समितियों की भूमिका और जिम्मेदारियों पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि—
परियोजना निर्माण और क्रियान्वयन उपरांत इसकी सभी परिसंपत्तियाँ और संसाधन किसानों को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे।
इस स्थिति में संघों का दायित्व होगा कि वे परियोजना की निरंतरता और स्थायित्व सुनिश्चित करें।
किसानों को चाहिए कि वे नियमित रूप से मासिक अंशदान एकत्रित करें ताकि संचालन और रखरखाव संबंधी खर्चों में कोई बाधा न आए।
विशेषज्ञों के सुझाव
इस अवसर पर डॉ. दीप कुमार (वैज्ञानिक, केवीके कांगड़ा), कृषि अधिकारी अभिनंदन तथा मार्केटिंग अधिकारी निकेत शर्मा भी उपस्थित रहे। इन्होंने किसानों के साथ संवाद करते हुए बाजार से जुड़ाव, उत्पादन की गुणवत्ता, पैकेजिंग और विपणन जैसे विषयों पर उपयोगी सुझाव साझा किए।
अध्यक्षीय संबोधन
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. योगिंदर पाल ने कहा कि जाइका परियोजना प्रदेश के किसानों के लिए आजीविका सुधार और आत्मनिर्भरता का मजबूत आधार बन रही है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कृषक विकास संघों की सक्रिय भूमिका ही परियोजना की दीर्घकालिक सफलता और किसानों की समृद्धि सुनिश्चित कर सकती है।
किसानों में उत्साह
शिविर में भाग लेने वाले किसानों ने विशेषज्ञों से सीधे संवाद करने के अवसर को सराहा और कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से उन्हें संगठनात्मक प्रबंधन, विपणन रणनीतियों और टिकाऊ खेती
के बारे में व्यावहारिक जानकारी मिलती है।
कोई टिप्पणी नहीं