युवा बचाओ एवं पर्यावरणीय चुनौतियों के संदर्भ में वैज्ञानिक चेतना पर कार्यशाला संपन्न - Smachar

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युवा बचाओ एवं पर्यावरणीय चुनौतियों के संदर्भ में वैज्ञानिक चेतना पर कार्यशाला संपन्न

 युवा बचाओ एवं पर्यावरणीय चुनौतियों के संदर्भ में वैज्ञानिक चेतना पर कार्यशाला संपन्न


मंडी : अजय सूर्या /

हिमाचल प्रदेश में वैज्ञानिक चेतना के प्रसार और युवाओं को सामाजिक जागरूकता से जोड़ने के उद्देश्य से हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति एवं तकनीकी विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में आज गुरु गोबिंद सिंह वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, मंडी के सभागार में “युवा बचाओ एवं पर्यावरणीय चुनौतियों के संदर्भ में वैज्ञानिक चेतना” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर कार्यक्रम को सार्थक बनाया।

युवाओं की शक्ति राष्ट्र निर्माण का आधार

कार्यक्रम के दौरान हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के सचिव गजेंद्र शर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के विकास में युवाओं की भूमिका निर्णायक है। उन्होंने युवाओं को नशे, गलत संगति और भटकाव से दूर रहकर समाज और राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा –

“युवा शक्ति दिशा पाए तो विकास का इंजन बनती है; दिशा खो दे तो वही शक्ति विनाशकारी हो जाती है।”

उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें सामाजिक सरोकारों के प्रति जागरूक रहकर विज्ञान और तकनीक के माध्यम से प्रगति की राह पर चलना चाहिए।

डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना दिवस

इस अवसर पर कार्यशाला को राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना दिवस के रूप में भी मनाया गया। यह दिवस अंधश्रद्धा निर्मूलन आंदोलन के अग्रदूत डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की पुण्यतिथि पर प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तकनीकी विकास समिति के अध्यक्ष डॉ. विजय विशाल ने डॉ. दाभोलकर के जीवन और योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डॉ. दाभोलकर ने धार्मिक कुरीतियों, अंधविश्वास और पाखंड के विरोध में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रसार हेतु अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका जीवन आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।

पर्यावरणीय चुनौतियों को लेकर चिंता

तकनीकी विकास समिति के सचिव एवं अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क के राष्ट्रीय पदाधिकारी जोगिंद्र वालिया ने कहा कि इस वर्ष संगठन ने “युवा बचाओ” अभियान को वैज्ञानिक चेतना और पर्यावरणीय चुनौतियों से जोड़कर देखने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों, विशेषकर हिमाचल प्रदेश में जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि लगातार बढ़ता तापमान, अनियमित वर्षा और बदलते मौसम के पैटर्न से कृषि और बागवानी को भारी नुकसान हो रहा है। इस चुनौती का सामना केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पर्यावरण संरक्षण के ठोस उपायों के माध्यम से ही किया जा सकता है।

शिक्षा और शिक्षक की भूमिका

विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती अंजू देवी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों का स्वागत किया तथा कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जन तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में वैज्ञानिक चेतना और तर्कशील दृष्टिकोण का प्रसार करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को बच्चों में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और तार्किक सोच को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वे भविष्य में एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

आभार प्रकट

कार्यक्रम के अंत में समिति की राज्य सदस्य रीना ठाकुर ने विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों का धन्यवाद किया। उन्होंने विशेष रूप से विद्यालय की प्रधानाचार्या का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से ही यह कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हो सकी।

इस प्रकार यह कार्यशाला न केवल वैज्ञानिक चेतना और पर्यावरणीय सरोकारों के प्रति जागरूकता फैलाने में कारगर साबित हुई, बल्कि इसने युवाओं को यह संदेश भी दिया कि यदि वे सही दिशा में अपनी ऊर्जा लगाएँ तो भविष्य में देश को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकते हैं।

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