अंग्रेजों के समय का धर्मशाला महाविद्यालय बना समस्याओं का अड्डा : अभाविप
अंग्रेजों के समय का धर्मशाला महाविद्यालय बना समस्याओं का अड्डा : अभाविप
अंग्रेजों के समय का धर्मशाला महाविद्यालय बना समस्याओं का अड्डा : अभाविपको महाविद्यालय धर्मशाला इकाई द्वारा विभिन्न मूलभूत सुविधाओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया।
इसमें इकाई अध्यक्ष दिव्यम सूद ने कहा कि कहने को तो धर्मशाला महाविद्यालय प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा महाविद्यालय है लेकिन यहां के मैदान में घास इतनी बढ़ चुकी है कि यहां खेला नहीं जा सकता अपितु पशुओं को चराया जा सकता है इस महाविद्यालय के पुस्तकालय की छत इतनी कच्ची हो चुकी है कि वह कभी भी पुस्तकालय में बैठे विद्यार्थी पर गिर सकती है महाविद्यालय को खुले हुए 15 दिन से भी अधिक का समय हो चुका है परंतु अभी तक महाविद्यालय की कैंटीन को नहीं खोला गया महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भारी बारिश के चलते पुस्तकालय व कक्षाओं में जाकर खाना खाना पड़ रहा है इसी के साथ दिव्यम सूद जी ने यह भी कहा कि महाविद्यालय में शौचालय की व्यवस्था इतनी खराब है कि विद्यार्थी को शौचालय जाने से पहले 10 बार सोचना पड़ता है वहीं अगर गर्ल्स कॉमन रूम की बात करें तो गर्ल्स कॉमन रूम में सैनिटरी पैड्स की मशीन तो छात्राओं को दी गई लेकिन उसने पैड्स की व्यवस्था पिछले तीन सालों से सुचारू रूप से नहीं है इसी के साथ-साथ विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने वाई-फाई की लिमिट को बढ़ाने की मांग भी रखी है |
इसी के साथ-साथ विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बॉयज हॉस्टल के साथ सौतेले व्यवहार के खिलाफ भी आवाज उठाई जिसमें विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं में कहा कि वह निरंतर रूप से गर्ल्स हॉस्टल की मरम्मत करने पर लगे हैं लेकिन बॉयज हॉस्टल की हालत इतनी खराब है उसकी मरम्मत की बात भी विद्यार्थी परिषद ने महाविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखी |
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