स्कूल से लापता हुई मनीषा की संदिग्ध मौत, अब सीबीआई करेगी जांच
स्कूल से लापता हुई मनीषा की संदिग्ध मौत, अब सीबीआई करेगी जांच
भिवानी/रोहतक : हरियाणा के भिवानी जिले में 11 अगस्त को लापता हुई छात्रा मनीषा का शव 13 अगस्त को सिंघानी गांव के खेतों में क्षत-विक्षत हालत में मिलने से सनसनी फैल गई। इस घटना ने पूरे इलाके में आक्रोश की लहर पैदा कर दी, जिसके दबाव में हरियाणा सरकार को मामले की जांच सीबीआई को सौंपनी पड़ी है।
लापता होने से शव मिलने तक का सफर
ढाणी लक्ष्मण निवासी 17 वर्षीय मनीषा 11 अगस्त की सुबह घर से स्कूल के लिए निकली थी। उसने परिवार को बताया था कि स्कूल के बाद वह नर्सिंग कॉलेज भी जाएगी। इसके बाद वह घर नहीं लौटी। परिवार ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और शुरुआती जांच में केवल औपचारिकता निभाई
दो दिन बाद 13 अगस्त को ग्रामीणों ने सिंघानी गांव के पास बाजरे के खेत में मनीषा का शव देखा। शव की स्थिति बेहद खराब थी। गले पर चोट के निशान मिले और शरीर के कुछ हिस्से गायब थे। कहा गया कि जंगली जानवरों ने मृत शरीर को नुकसान पहुंचाया। कुछ रिपोर्ट्स में सलवार के फटे होने की भी बात सामने आई।
पोस्टमार्टम रिपोर्टों में विरोधाभास
मनीषा के शव का दो बार पोस्टमार्टम कराया गया। पहली रिपोर्ट भिवानी सिविल अस्पताल से आई, जिसमें गला रेतकर हत्या की आशंका जताई गई। दूसरी रिपोर्ट रोहतक पीजीआई से आई, जिसमें मौत का कारण जहर खाने को बताया गया और दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। दोनों रिपोर्टों में आए विरोधाभास ने रहस्य और गहरा दिया। परिवार का कहना है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती, वहीं पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला करार दिया। परिजन अब तीसरे पोस्टमार्टम की मांग कर रहे हैं, जो दिल्ली एम्स में हो सकता है।
विरोध और राजनीतिक दबाव
मनीषा की मौत के बाद परिवार, ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने लगातार आठ दिनों तक धरना-प्रदर्शन किया। परिजनों ने न्याय की मांग पूरी होने तक अंतिम संस्कार करने से भी इनकार कर दिया। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की, लेकिन लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ। मामला राजनीतिक रंग भी लेने लगा और विपक्ष ने प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए।
गैंगस्टर का दखल
इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह ने सोशल मीडिया पर धमकी भरा संदेश जारी किया। गैंग ने चेतावनी दी कि यदि पुलिस दोषियों को सजा नहीं दिलाती, तो वे खुद अपराधियों को मार गिराएंगे। इस बयान ने कानून-व्यवस्था पर नए सवाल खड़े कर दिए।
सीबीआई जांच का आदेश और अंतिम संस्कार
लगातार विरोध और बढ़ते दबाव के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की घोषणा की। इसके बाद ही परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजी हुआ। गुरुवार सुबह गांव में हजारों लोगों की मौजूदगी में मनीषा का अंतिम संस्कार किया गया, जहां छोटे भाई नितेश ने उसे मुखाग्नि दी। पूरे गांव में गम का माहौल छाया रहा।
जांच अब भी अधूरी
फिलहाल इस मामले में कई अहम सवाल अनुत्तरित हैं। मनीषा का मोबाइल फोन और कथित जहर की बोतल अभी तक बरामद नहीं हुई है। अब सबकी निगाहें सीबीआई जांच पर टिकी हैं कि वह मनीषा की मौत के पीछे की सच्चाई को उजागर कर पाएगी या नहीं।
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