किन्नौर के होज्जो नाले में फ्लैश फ्लड से चार लोग फंसे, सेना और एनडीआरएफ के साहसिक अभियान से बचाई गई जानें
किन्नौर के होज्जो नाले में फ्लैश फ्लड से चार लोग फंसे, सेना और एनडीआरएफ के साहसिक अभियान से बचाई गई जानें
किन्नौर
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA), किनौर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 13 अगस्त 2025 को उप-मंडल पूह के अंतर्गत होज्जो नाला, ऋषि डोगरी क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने स्थानीय लोगों को भय और संकट में डाल दिया। दोपहर के समय हुए इस हादसे की सूचना जिला आपदा प्रबंधन को अगले दिन, 14 अगस्त को दोपहर 2:10 बजे (1410 बजे) प्राप्त हुई।
तेज़ बारिश और पहाड़ी ढलानों से आए मलबे के कारण नाले में जल स्तर अचानक कई गुना बढ़ गया, जिससे दूसरी ओर मौजूद चार लोग तेज़ धारा के बीच फंस गए। पानी का बहाव इतना तेज़ था कि उन्हें निकालना तत्कालीन परिस्थितियों में अत्यंत जोखिम भरा था।
सेना की त्वरित कार्रवाई, लेकिन मौसम ने डाला रोड़ा
सूचना मिलते ही भारतीय सेना ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। सेना के जवान कठिन पहाड़ी भू-भाग और पत्थरों से भरे तेज़ बहाव वाले नाले तक पहुँचे, लेकिन तेज़ जलधारा, फिसलन भरी सतह और प्रतिकूल मौसम ने प्रारंभिक प्रयासों को बाधित कर दिया।
एनडीआरएफ की एंट्री और संयुक्त रणनीति
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की एक विशेष टीम को तत्काल मौके पर भेजा गया। एनडीआरएफ के प्रशिक्षित रेस्क्यू कर्मियों ने सेना के साथ मिलकर रोप थ्रो गन (Rope Throw Gun) का उपयोग करते हुए नाले के पार एक मजबूत रस्सी प्रणाली स्थापित की। यह तकनीक तेज़ बहाव वाले जल स्रोतों में बचाव के लिए अत्यधिक कारगर मानी जाती है।
जांबाज़ रेस्क्यूकर्मी का दुस्साहसिक पार
एनडीआरएफ का एक साहसी रेस्क्यूकर्मी रस्सियों की मदद से नाले के उफनते पानी को पार करते हुए दूसरे किनारे तक पहुँचा। वहां फंसे चारों लोगों को लाइफ जैकेट पहनाकर और सुरक्षा बेल्ट से बांधकर, रस्सी के सहारे एक-एक कर सुरक्षित खींचा गया।
सभी लोग सुरक्षित, स्थानीय प्रशासन ने जताया आभार
लगभग कई घंटों तक चले इस रोमांचक और जोखिमपूर्ण अभियान के बाद चारों व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। जिला प्रशासन ने सेना और एनडीआरएफ के इस साहसिक और समन्वित प्रयास की सराहना की।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा—
"यह अभियान इस बात का प्रमाण है कि जब विभिन्न एजेंसियां मिलकर कार्य करती हैं, तो सबसे कठिन परिस्थितियों को भी मात दी जा सकती है।"
स्थानीय ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली और सेना व एनडीआरएफ टीम का आभार व्यक्त किया। ग्रामीणों ने बताया कि अगर समय पर मदद नहीं पहुंचती, तो तेज़ बहाव और ठंडा पानी गंभीर खतरा बन सकता था।
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