एसएफ़आई ने स्वतंत्रता दिवस पर दोहराया संघर्ष का संकल्प, साम्राज्यवाद और शोषण के ख़िलाफ़ एकजुटता की अपील - Smachar

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एसएफ़आई ने स्वतंत्रता दिवस पर दोहराया संघर्ष का संकल्प, साम्राज्यवाद और शोषण के ख़िलाफ़ एकजुटता की अपील

एसएफ़आई ने स्वतंत्रता दिवस पर दोहराया संघर्ष का संकल्प, साम्राज्यवाद और शोषण के ख़िलाफ़ एकजुटता की अपील


शिमला : गायत्री गर्ग /

हिंदुस्तान के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (एसएफ़आई) हिमाचल प्रदेश ने राज्य भर में तिरंगा फहराकर और जुलूस निकालकर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों और क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि दी। इन आयोजनों में प्रदेश के विभिन्न जिलों, कस्बों, कॉलेजों और स्कूलों में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

कार्यक्रमों के दौरान औपनिवेशिक शासन के ख़िलाफ़ लड़ी गई ऐतिहासिक लड़ाइयों और शहीदों की कुर्बानियों को याद किया गया। तिरंगा उस जुनून और जज़्बे के साथ लहराया गया, जिसने कभी अंग्रेज़ी साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ जनता के संघर्ष को रफ़्तार दी थी।

नेताओं के संबोधन

शिमला में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसएफ़आई हिमाचल के राज्य सचिव कॉमरेड सनी सैक्टा ने कहा,

उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे आज़ादी की असल परंपरा — शोषण और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ लड़ने — को मज़बूती से आगे बढ़ाएँ।

वहीं एसएफ़आई के राज्य अध्यक्ष कॉमरेड अनिल ठाकुर ने कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि ज़ुल्म, शोषण और साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष आज भी जारी है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस का अर्थ केवल झंडा लहराना नहीं, बल्कि लोकतंत्र और जनता के हक़ों की रक्षा करना है।

शहीदों को नमन और चेतावनी

एसएफ़आई ने भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, अशफ़ाक़ुल्ला ख़ान समेत असंख्य शहीदों की कुर्बानियों को याद किया और देश-दुनिया में बढ़ती तानाशाही प्रवृत्तियों को लेकर चेताया। संगठन ने कहा कि बाहरी साम्राज्यवादी नीतियों और घरेलू तानाशाही दोनों से सावधान रहना ज़रूरी है।

अमेरिकी नीतियों की आलोचना

एसएफ़आई-एचपी ने अमेरिका की साम्राज्यवादी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए हालिया टैरिफ़ बढ़ोतरी को भारत की अर्थव्यवस्था और आम जनता पर हमला बताया। संगठन के अनुसार, इस आर्थिक दबाव ने महंगाई को बढ़ाया है और मेहनतकश वर्ग पर अतिरिक्त बोझ डाला है।

एसएफ़आई नेताओं ने कहा कि ये नीतियाँ औपनिवेशिक काल की लूट की तरह ही वैश्विक कॉरपोरेट और मुनाफ़ाख़ोर ताक़तों के हित में हैं, जो देशों की संप्रभुता को कुचलती हैं।

एकजुटता का आह्वान

संगठन ने दोहराया कि लोकतंत्र, संप्रभुता और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए घरेलू तानाशाही और बाहरी साम्राज्यवादी दबाव, दोनों के ख़िलाफ़ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।

एसएफ़आई-एचपी ने हिमाचल के सभी छात्रों और युवाओं से अपील की 

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