संत निरंकारी मिशन के सेवादारों ने हारचक्कियां सत्संग भवन में लगाया रक्तदान शिविर, 60 यूनिट रक्त एकत्रित
संत निरंकारी मिशन के सेवादारों ने हारचक्कियां सत्संग भवन में लगाया रक्तदान शिविर, 60 यूनिट रक्त एकत्रित
"रक्त सड़कों व गंदी नालियों में बहने की बजाय इंसान की नाड़ियों में बहना चाहिए" — महात्मा कृष्ण चंद धीमान
शाहपुर : जनक पटियाल /
मानव सेवा ही सर्वोच्च धर्म है—इसी संदेश को आत्मसात करते हुए संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के सौजन्य से आज हारचक्कियां के समीप झिकली ठेहड़ स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में भव्य स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन सान्निध्य में संपन्न हुआ, जिसमें स्थानीय संगत और आसपास के क्षेत्रों से सैंकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए।
60 यूनिट रक्त संग्रह, महिलाओं की भी बढ़-चढ़कर भागीदारी
शिविर में कुल 60 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। विशेष बात यह रही कि महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में रक्तदान कर यह साबित किया कि सेवा-भाव में लिंग भेद का कोई स्थान नहीं है। कार्यक्रम के दौरान सत्संग का आयोजन भी किया गया, जिसमें जीवन मूल्यों, परोपकार और भाईचारे पर जोर दिया गया।
उपदेश और प्रेरणा
इस अवसर पर कांगड़ा जोनल इंचार्ज महात्मा कृष्ण चंद धीमान ने संगत को संबोधित करते हुए कहा—
"रक्त सड़कों व गंदी नालियों में बहने की बजाय इंसान की नाड़ियों में बहना चाहिए। रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है, क्योंकि यह सीधे-सीधे किसी की जान बचाता है।"
उन्होंने बताया कि निरंकारी मिशन द्वारा रक्तदान की यह मुहिम 1986 में शुरू की गई थी और आज यह एक महाअभियान के रूप में देश और दुनिया में फैल चुकी है। यह शिविर युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी के परोपकारी जीवन और लोक कल्याण की भावना को समर्पित था।
रक्तदान का महत्व
महात्मा कृष्ण चंद धीमान ने कहा कि हमारे शरीर में बहने वाला रक्त न केवल हमें जीवन देता है, बल्कि जब इसे हम स्वेच्छा से दान करते हैं तो यह किसी और को भी नया जीवन देता है। उन्होंने शिविर में शामिल सभी रक्तदाताओं का उत्साह और सेवा भावना के लिए आभार व्यक्त किया।
आयोजन में योगदान
इस मौके पर हारचक्कियां झिकली ठेहड़ के संयोजक महात्मा प्रेम चंद, महात्मा कहर सिंह, महात्मा डॉ. सुशील कुमार (इंचार्ज सेवादल) सहित बड़ी संख्या में सेवादार मौजूद रहे। साथ ही, टांडा मेडिकल कॉलेज और सिविल अस्पताल से आई डॉक्टरों की टीम ने भी शिविर की सफलता में अहम भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के अंत में संगत ने सतगुरु के चरणों में धन्यवाद ज्ञापित किया और यह संकल्प लिया कि भविष्य में भी ऐसे रक्तदान शिविरों और समाजसेवी कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं