जाल में फंसाने वाली चार युवतियों सहित आठ लोगों को पुलिस ने लिया हिरासत में, नौकरी इत्यादि का झांसा देकर ऐंठते थे मोटी रकम - Smachar

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जाल में फंसाने वाली चार युवतियों सहित आठ लोगों को पुलिस ने लिया हिरासत में, नौकरी इत्यादि का झांसा देकर ऐंठते थे मोटी रकम

जाल में फंसाने वाली चार युवतियों सहित आठ लोगों को पुलिस ने लिया हिरासत में, नौकरी इत्यादि का झांसा देकर ऐंठते थे मोटी रकम


निशानदेही पर पांच हजार की नकदी और सिम सहित एक मोबाइल बरामद किया पुलिस ने,पिछले दो साल से ऑनलाइन ठगी कर रहा यह गिरोह,अलग-अलग राज्यों के करीब 80 लोगों को अपना शिकार बना चुका यह गिरोह

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस के अनुसार आरोपी युवतियां मीठी-मीठी बातें कर लोगों को अपने जाल में फंसाती थीं। सभी आरोपी एक टीम के तौर पर मिलकर काम करते थे। कुछ दिन पहले दोनों आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया था। उसके बाद पुलिस ने इस मामले में अन्य पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें आरोपी मीनाक्षी, स्वाति, प्रिया, तरुण और ज्योति निवासी खिचड़ीपुर, थाना कल्याणपुरी, दिल्ली को खिचड़ीपुर स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया गया।

आरोपियों को पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। आरोपियों के कब्जे से पांच हजार रुपये की नकदी, मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किए हैं।

थाना साइबर की टीम ने प्रबंधक थाना निरीक्षक राजीव मिगलानी के नेतृत्व में आरोपी हेमंत निवासी सेक्टर-87 नोएडा, प्रवीण कुमार निवासी छोटी उकावली, अलीगढ़ उत्तर प्रदेश और शशिभूषण तिवारी निवासी हाजीपुर, सेक्टर-104, गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश को कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था। आरोपी शशिभूषण को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा गया था।

वहीं, आरोपी हेमंत और प्रवीण को रिमांड पर लिया गया था। रिमांड के दौरान आरोपी हेमंत की निशानदेही पर उससे पांच हजार की नकदी और सिम सहित एक मोबाइल बरामद किया गया। पुलिस पूछताछ में आरोपी हेमंत और प्रवीण ने बताया कि वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पिछले दो साल से ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं। वह अब तक अलग-अलग राज्यों के करीब 80 लोगों को शिकार बना चुके हैं।

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि प्रतिदिन अलग-अलग व्यक्ति को कॉल कर रकम ठगते थे। आरोपियों ने 2010 में सिविल सर्जन पद से सेवानिवृत्त हुए कृष्ण कुमार निवासी वजीर चंद कॉलोनी, करनाल से ठगी की थी। आरोपियों ने 30 दिसंबर 2023 को शिकायतकर्ता के पास नई दिल्ली ईपीएफ ऑफिस के नाम से फोन कर कहा था कि जीआईएस स्कीम का पैसा आपके खाते में भेजा जाएगा।

जिसके लिए आपको रिफंडेबल सिक्योरिटी के रूप में कुछ रुपये जमा कराने पड़ेंगे। यह रकम बाद में रिफंड हो जाएगी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने झांसे में आकर आरोपियों के बताए खाते में तीन लाख अस्सी हजार रुपए जमा करा दिए थे।

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