वायनाड भूस्खलन में बढ़ी मरने वालों की संख्या, 152 लापता, पीएम मोदी लेंगे जायजा - Smachar

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वायनाड भूस्खलन में बढ़ी मरने वालों की संख्या, 152 लापता, पीएम मोदी लेंगे जायजा

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 अगस्त को भूस्खलन प्रभावित वायनाड का दौरा करेंगे और आपदा प्रभावितों से मिलेंगे।केरल के वायनाड में पिछले दिनों भारी बारिश के बाद हुए विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 413 हो गई है, जबकि अभी भी 152 लोग लापता हैं। बुधवार को नौवें दिन भी राहत एवं बचाव कार्य जारी रहा।



इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 अगस्त को भूस्खलन प्रभावित वायनाड का दौरा करेंगे और आपदा प्रभावितों से मिलेंगे। एक सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री एक विशेष विमान से कन्नूर पहुंचेंगे। वहां से वह हेलीकाप्टर से भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इसके बाद वे कुछ राहत शिविरों का दौरा करेंगे, जहां फिलहाल 10,000 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं।

इस बीच, तेलुगू सुपरस्टार प्रभास ने बुधवार को केरल के भूस्खलन प्रभावित जिले में पुनर्वास प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दो करोड़ रुपये का दान दिया।

उधर, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में कहा- 'मैं केंद्र सरकार से वायनाड के लिए एक व्यापक पुनर्वास पैकेज का देने अनुरोध करता हूं। केंद्र सरकार को लोगों को मिलने वाले मुआवजे में भी वृद्धि करनी चाहिए। केंद्र को वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए।

वायनाड में राहत कार्यों में जुटे सैनिकों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए तीसरी कक्षा के एक छात्र रेयान द्वारा लिखे पत्र ने भारतीय सेना का दिल जीत लिया है और उसने एक्स के जरिए इस पर दिल छू लेने वाला जवाब दिया है। सेना की दक्षिणी कमान ने बच्चे का पत्र और अपना जवाब पोस्ट किया है।

स्कूल डायरी में लिखे पत्र में छात्र ने कहा- 'मैं रयान हूं। मेरा प्रिय वायनाड बड़े भूस्खलन की चपेट में आ गया, इससे भारी तबाही हुई। मुझे आपको मलबे में फंसे लोगों को बचाते हुए देखकर गर्व और खुशी हुई।' बच्चे ने एक वीडियो का जिक्र किया है, जिसमें सैनिकों को भूस्खलन से तबाह हुए एक इलाके में एक पुल बनाने के दौरान अपनी भूख मिटाने के लिए बिस्कुट खाते हुए देखा गया। छात्र ने पत्र में लिखा कि इस दृश्य ने मुझे बहुत प्रभावित किया और मैं एक दिन सेना में भर्ती होना और देश की रक्षा करना चाहता हूं।

पत्र के जवाब में सेना ने कहा- 'प्रिय मास्टर रयान, आपके मार्मिक शब्दों ने हमारा दिल छू लिया है। विपत्ति के समय में हमारा मकसद आशा की किरण बनना है और आपका पत्र इसकी पुष्टि करता है। आप जैसे नायक हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करते हैं। हमें उस दिन की बेसब्री से प्रतीक्षा है जब आप वर्दी पहनेंगे और हमारे साथ खड़े होंगे। हम एक साथ मिलकर अपने देश को गौरवान्वित करेंगे। आपके साहस और प्रेरणा के लिए आभार युवा योद्धा।

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