चली चलाई उप तहसील पर तालाबंदी क्यों जनता को जवाब दें - Smachar

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चली चलाई उप तहसील पर तालाबंदी क्यों जनता को जवाब दें

चली चलाई उप तहसील पर तालाबंदी क्यों जनता को जवाब दें

त्रिलोक कपूर

पालमपुर:-  पहले चली चलाई उप तहसील पर तालाबंदी कर दी, अब जनता का आक्रोश सामने आया तो उप तहसील की घोषणा कर दी गई। कांग्रेस की इस कूटनीति पर जनता किस प्रकार तथा क्यों भरोसा करें। प्रदेश भाजपा के महामंत्री त्रिलोक कपूर ने कैबिनेट में पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चचियां में उप तहसील खोले जाने बारे लिए गए निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार के कार्यकाल के दौरान जनता की भावनाओं के अनुरूप चचियां में उप तहसील को खोला गया तथा विधिवत स्टाफ की तैनाती कर कार्य भी आरंभ कर दिया गया।अस्थाई रूप से कानूनगो कार्यालय चचियां में नायब तहसील भवन की व्यवस्था की गई, जोगिन्द्र अवस्थ्यी उस समय स्थायी रूप से नायब तहसीलदार के रूप में स्वतन्त्र रूप से कार्यरत थे, उन्हाने 8 अक्तूबर से 2022 से लेकर दिसंबर 2022 तक एक रिकार्ड समय में क्षेत्र की जनता के 1600 प्रमाण पत्र जारी किए गए। जहां इस उपतहसील कार्यालय खुलने से पालमपुर न जाने से समय की बचत हुई वहीं गरीब लोगों का बस में आने जाने के किराए से भी भरपूर राहत मिली थी। परंंतु प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बननें के पश्चात स्थानीय विधायक की संकुचित राजनीतिक सोच के कारण इस उप तहसील पर ताालाबंदी कर दी गई। 2 वर्ष तक जब तालाबंदी नहीं खुली तो क्षेत्र की जनता ने अपनेे अधिकार की लड़ाई के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर पास भरी नजरोंं से देखा व सड़क पर उतरने का निर्णय लिया। जनता की मांग पर भारतीय जनता पार्टी ने 10 जनवरी को जनहित में आक्रोश रैली के आयोजन का निर्णय लिया। ऐसे में पालमपुर के विधायक ने जनता के आक्रोश को भांपा तथा अब आनन-फानन में कैबिनेट की बैठक में उप तहसील की घोषणा की गई। त्रिलोक कपूर ने कहा कि जब तक तालाबंदी नहीं खुलती क्षेत्र की जनता चैन से नहीं बैठेगी तथा अपने अधिकार को लेकर रहेगी। कपूर ने कहा कि भाजपा की सरकार ने पालमपुर क्षेत्र में हर जगह बेसहारा पशुओं की भरमार के कारण आस-पास क्षेत्र के किसानो के खेतों की फसल उजड जाती थी, और यही नहीं सडक पर ऐसे पशुओं के कारण वाहन दुर्घटना के कारण जिन्दगी भी चली जाती है। भाजपा की सरकार ने इन विषयों को गम्भीरता से लेते हुए, पालमपुर क्षेत्र की बडसर पंचायत के तहत कुडन नामक स्थान पर गो सेंक्चुअरी के लिए उपयुक्त स्थान का चयन करके उसके निर्माण हेतु आवश्यक धन की व्यवस्था लगभग 2 करोड 92 लाख रुपये का बजट प्रावधान करके एक रिकार्ड समय में इस कार्य को पूर किया गया था, जिसमें 2 करोड 40 लाख रु. खर्च हुए थे और शेष 42 लाख रुपये वहां के लिए स्थायी रूप से पानी की व्यवस्था और गौशाला को प्रारम्भ में चलाने के लिए बजट भी सुरक्षित किया गया व 14 अक्टूबर 2022 को जैसे ही  इसका लोकापर्ण हुआ, दुर्भाग्यवश उसी ही समय अचानक पूरे प्रदेश में पशुओं से जुडी एक लैम्पी महामारी वीमारी ने हजारों पशुओं को अपनी चपेट में ले लिया, जिसके कारण पशुपालन विभाग के प्रोटोकॉल के मुताविक ऐसी स्थिति में वेसहारा पशुओं को इकटठा नहीं रखा जा सका ।कपूर ने कहा कि दुख इस बात का है कि कांग्रेस सरकार के दो वर्ष पूरे होने के बावजूद कांग्रेस विधायक को कुडन गो सेंक्चुअरी में न तो जाने का वक्त मिला और न उसकी याद आई । उन्होंने कहा कि जब तक की काऊ सेंचुरी बहाल नहीं किया जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि नगरी क्षेत्र की 15 पंचायत को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम के अंतर्गत लाकर जो अन्य ग्रामीण जनता के साथ किया गया है उसे लेकर भी जनता चुप नहीं रहेगी तथा इस अन्याय पूर्ण पग के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।


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