भतीजे व भतीजी की शादी में शामिल होने से पहले ही तिरंगे में लिपटा पहुंचा जवान का शव
भतीजे व भतीजी की शादी में शामिल होने से पहले ही तिरंगे में लिपटा पहुंचा जवान का शव
राजस्थान: शहीद जवान हरिराम की पत्नी प्रीति ने रोते हुए कहा वो हमेशा खुश रहते थे। बच्चों से बहुत प्यार करते थे। उनकी यादें हमेशा साथ रहेंगी। उनकी आखिरी बातचीत 4 जनवरी की सुबह 11 बजे हुई थी। उन्होंने कहा था कि वे कैंप जा रहे हैं और दोपहर में दोबारा बात करेंगे। लेकिन दोबारा फोन आने से पहले ही हादसे की खबर पहुंच गई।
आपको ज्ञात ही होगा कि जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में हुए ट्रक हादसे में नागौर के वीर सपूत हवलदार हरिराम रेवाड़ भी शहीद हुए।शहादत की खबर पहुंचते ही राजस्थान के राजोद गांव के हर घर में गम का माहौल छा गया। हरिराम फरवरी में अपने भतीजे और भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए 25 जनवरी को घर आने वाले थे।
छुट्टी भी मंजूर हो चुकी थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जब सोमवार को उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंचा, तो पूरा गांव शोक में डूब गया।हरिराम अपने परिवार के सबसे छोटे बेटे थे और 8 भाई-बहनों में सबसे दुलारे। उनका परिवार उन्हें प्यार से 'लाडला' कहता था।
बेटे नवीन ने मुखाग्नि दी और सेना ने पूरे सम्मान के साथ तिरंगा सौंपा। हरिराम के बड़े भाई रामेश्वर, जो खुद सेना से रिटायर हैं, ने कहा, 'हरिराम हमेशा से बहादुर और परिवार का लाडला था। उनकी शहादत हमारे लिए गर्व की बात है।' पिता की मौत के बाद हरिराम के बेटा और बेटी सदमे में है।
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