हिमाचल में चिट्टा नशे की घटनाएं तेजी से बढ़ना प्रदेश के लिए गंभीर चुनौती: त्रिलोक कपूर - Smachar

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हिमाचल में चिट्टा नशे की घटनाएं तेजी से बढ़ना प्रदेश के लिए गंभीर चुनौती: त्रिलोक कपूर

हिमाचल में चिट्टा नशे की घटनाएं तेजी से बढ़ना प्रदेश के लिए गंभीर चुनौती: त्रिलोक कपूर

पालमपुर समाचार

पालमपुर(ब्यूरो):-  यह चिंता भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं पार्टी द्वारा गठित "से नॉट टू ड्रग्स" (चिट्टा निवारण समिति) के प्रदेश संयोजक त्रिलोक कपूर ने पालमपुर में आयोजित एक प्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।


उन्होंने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश में हर मां-बाप अपने नौजवान बच्चों को लेकर हमेशा चिंतित नजर आ रहे हैं कि कहीं चिट्टा माफिया के षड्यंत्र जाल में उनके बच्चे ग्रिफ्त में न आ जाएं। 

भाजपा प्रदेश महामंत्री ने कहा कि कांग्रेस कुशासन के लगभग पिछले अड़ाई वर्षों में जिस प्रकार से प्रदेश की कानून व्यवस्था लड़खड़ाई है उससे ऐसे बच्चों के मां-बाप की चिंता स्वाभाविक तौर पर और बढ़ गई है, शांत हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्य में 138 हत्याएं, 498 दुष्कर्म, 1643 डकैती जैसी असंख्य घटनाओं ने कानून व्यवस्था की पोल को खोल कर रख दिया है। और यही नहीं गत दिनों बिलासपुर में हुए गोली कांड को भी चिट्टा माफिया के इर्द-गिर्द पड़ी छाया से नकारा नहीं जा सकता है।

भाजपा नेता ने कहा कि नित दिन नई - नई हो रही घटनाओं को देखकर यह स्पष्ट रूप से नजर आने लगा है कि हिमाचल प्रदेश में सुशासन नहीं बल्कि जंगल राज है जोकि अयोग्य व अनुभवहीन नेतृत्व के हाथों में चला गया है।

भाजपा नेता त्रिलोक कपूर ने कहा कि ऐसी विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल जी ने स्वयं पहल करते हुए हिमाचल प्रदेश को चिट्टे जैसे जानलेवा नशे के विरुद्ध लड़ाई लड़ने के लिए एक राज्य स्तरीय अभियान अपने हाथ में ही नहीं लिया है बल्कि उन्होंने प्रदेश से लेकर संसदीय क्षेत्र व जिला स्तर पर एक वरिष्ठ नेतृत्व की अनुभवी व संवेदनशील कार्यकर्ताओं की टीम भी गठित कर दी गई है, जिसमें प्रदेश संयोजक के रूप में मुझे व पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल जी को सहसंयोजक के रूप में इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उन्होंने कहा कि पार्टी के संगठनात्मक 17 जिलों में जिला स्तर पर अलग-अलग रूप से जिला संयोजक नियुक्त किए हैं। 

उन्होंने कहा कि जिला संयोजक संगठनात्मक रूप से प्रत्येक मंडल से एक संयोजक व एक सह संयोजक के रूप में ऐसे समाज से जुड़े हुए प्रभावशाली व्यक्ति या पंचायती राज, स्थानीय निकायों से जुड़े रहे पूर्व या वर्तमान जनप्रतिनिधि व सेवानिवृत  प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी जो शुभेच्छा से इस लड़ाई को लड़ने के लिए आतुर बैठे हैं।

 ऐसे लोगों को सूचीबद्ध करके प्रदेश कार्यालय शिमला को 17 मार्च तक नाम सूचीबद्ध करके भेजने का काम करेंगे और पूरे प्रदेश से ऐसे लगभग 342 व्यक्तियों की टीम पूरी तरह प्रशिक्षित होकर भाजपा अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल के मार्गदर्शन में प्रदेश की प्रत्येक पंचायत और गांव के हर घर द्वार तक दस्तक देकर समाज के हर वर्ग को इस जन जागरण अभियान में जोड़कर चिट्टा नशे के विरूद्ध अलख जगाएगी, तब तक यह अभियान जारी रहेगा जब तक हिमाचल प्रदेश को चिट्टे से मुक्ति न मिल जाए।

भाजपा नेता ने यह आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से लगातार प्रदेश के हर समाचार पत्रों में चिट्टा नशे की घटनाओं से जुड़ी खबरें हर समाचार पत्र में छप रही हैं। यही नहीं प्रदेश के कई भूभाग से एनजीओ व अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा सरकार से यह मांग की जा रही है कि चालू बजट सत्र में प्रदेश की कांग्रेस सरकार एनडीपीएस कानून को और सख्त बनाने के लिए चिट्टा तस्करों के पकड़े जाने पर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान हो। ऐसा एक्ट लाकर सरकार अपनी स्पष्ट मानसिकता व सही नियत के साथ विधानसभा में लाने का साहस दिखाए ताकि इस नारको टेररिज्म के विरुद्ध बड़ी संवेदनशीलता के साथ लड़ाई लड़ी जा सके। 

पालमपुर से रहे भाजपा प्रत्याशी त्रिलोक कपूर ने हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल से भी यह आग्रह किया है कि अगर सरकार की मंशा सही नहीं है तो वह स्वयं सरकार को एक मजबूत कानून बनाने के लिए दबाव डालें।

भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं पालमपुर विधानसभा क्षेत्र से रहे पार्टी प्रत्याशी त्रिलोक कपूर ने कांग्रेस सरकार से यह जानना चाहा है कि 2017 से पूर्व कांग्रेस शासन काल में  पालमपुर का ब्रिंदावन चिट्टे तस्करों का अड्डा बन चुका था। उसके विरुद्ध भाजपा सरकार ने आते ही इस संकट से लड़ने के लिए ब्रिंदावन में ही अस्थाई रूप से एक पुलिस चौकी गठित की थी। लेकिन दुर्भाग्य बस कांग्रेस सरकार के आते ही उसे पुलिस चौकी पर भी ताला लग गया अर्थात उसे वहां से हटा दिया। 

कपूर ने कहा कि आज जब पालमपुर में चिट्टा तस्करों के संरक्षक चिट्टा के विरूद्ध समाचार पत्रों में बयान देते हैं तो पालमपुर की जनता को उनके इस कृत्य पर हंसी आती है कि जैसे कि एक कहावत भी है कि पहरेदार को बोलो सो जाओ और चोरों को बोलो लागू हो जाओ।

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