ऊना में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा: विधायक विवेक शर्मा ने 39 किसानों को वितरित की 25.83 लाख की एमएसपी राशि - Smachar

Header Ads

Breaking News

ऊना में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा: विधायक विवेक शर्मा ने 39 किसानों को वितरित की 25.83 लाख की एमएसपी राशि

 ऊना में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा: विधायक विवेक शर्मा ने 39 किसानों को वितरित की 25.83 लाख की एमएसपी राशि


 ऊना जिले में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा मुख्य अतिथि रहे। यह कार्यक्रम आत्मा परियोजना के तहत जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) सभागार में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान विधायक विवेक शर्मा ने 39 किसानों को प्राकृतिक गेहूं की सरकारी खरीद पर कुल 25.83 लाख रुपये की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) राशि वितरित की। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती समय की मांग है और इसे कृषि में क्रांति की तरह आगे बढ़ाना होगा।

विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू किसानों की समस्याओं को समझते हैं और उनकी आय बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक गेहूं के लिए 60 रुपये प्रति किलो और मक्की के लिए 40 रुपये प्रति किलो एमएसपी तय की गई है, साथ ही 2 रुपये प्रति किलो परिवहन भत्ता देने का निर्णय लिया गया है। यह कदम न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है, बल्कि उन्हें रसायन-मुक्त और स्वास्थ्यवर्धक खेती की ओर प्रेरित करेगा।

बीते सीजन में ऊना जिले में 6,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 39 किसानों से 41.88 मीट्रिक टन प्राकृतिक गेहूं की सरकारी खरीद की गई थी। इस कार्यक्रम के दौरान किसानों के बैंक खातों में तय एमएसपी और 200 रुपये प्रति क्विंटल परिवहन भत्ता सीधे हस्तांतरित किए गए। साथ ही प्रतीकात्मक रूप से किसानों को डमी चेक प्रदान किए गए।

विधायक ने इस अवसर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से मिट्टी विषैली हो रही है और इससे कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती न केवल पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने में भी मदद करती है। लागत लगभग शून्य होने के कारण किसानों की आय में स्वाभाविक वृद्धि होती है।

विधायक ने प्राकृतिक खेती में आगे आने वाले किसानों की सराहना करते हुए कहा कि यह अभी केवल शुरुआत है और इसे बड़े पैमाने पर बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे रसायन-मुक्त खेती अपनाएं, सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।

जिले में प्राकृतिक खेती का फैलाव:

आत्मा परियोजना निदेशक वीरेंद्र बग्गा ने बताया कि वर्तमान में ऊना जिले में 2,092 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है और 16,858 किसान प्रशिक्षण लेकर इस पद्धति से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि बीते सीजन में खरीदी गई 41.88 मीट्रिक टन गेहूं में विभिन्न विकास खंडों का योगदान इस प्रकार रहा:

अंब ब्लॉक: 4.91 मीट्रिक टन

बंगाणा: 2.35 मीट्रिक टन

गगरेट: 16 मीट्रिक टन

हरोली: 11.15 मीट्रिक टन

ऊना: 7.24 मीट्रिक टन

उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती से जुड़ी विभिन्न सरकारी सहायता और अनुदान के बारे में जानकारी दी। इसमें शामिल हैं:

देसी गाय (साहीवाल, गिर, थारपरकर, सिंधी, पहाड़न) की खरीद पर अधिकतम 25,000 रुपये या 50 प्रतिशत सब्सिडी

5,000 रुपये परिवहन भत्ता

प्लास्टिक ड्रम पर 75 प्रतिशत अनुदान

साइकिल हल पर 1,500 रुपये या 50 प्रतिशत अनुदान

गाय के लिए पक्का फर्श निर्माण पर अधिकतम 8,000 रुपये

कार्यक्रम में बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. के.के. भारद्वाज ने किसानों को फलों की खेती के विभिन्न विकल्पों और तकनीकों के बारे में जानकारी दी।

इस मौके पर कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष मदन मोहन सैनी, डीआरडीए परियोजना अधिकारी के.एल. वर्मा, आत्मा परियोजना की उपनिदेशक शामली गुप्ता और तनुजा कपूर, कुटलैहड़ के युवा कांग्रेस पदाधिकारी गोल्डी, हर्ष, रिशु और दीपक, लाभार्थी किसान और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

निष्कर्ष:

ऊना जिले में प्राकृतिक खेती का दायरा लगातार बढ़ रहा है और सरकार की पहल से यह किसान के लिए एक लाभकारी और स्थायी आय का माध्यम बनती जा रही है। यह कार्यक्रम न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी लाभकारी साबित होगा।

कोई टिप्पणी नहीं