हिमाचल देश का पहला राज्य जिसने 6,000 अनाथ बच्चों को दिया सरकारी संरक्षण — विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया
हिमाचल देश का पहला राज्य जिसने 6,000 अनाथ बच्चों को दिया सरकारी संरक्षण — विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया
ऊना में जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में फहराया तिरंगा, विकास की गति और चुनौतियों पर दिया विशेष संदेश
ऊना हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने 15 अगस्त को ऊना में आयोजित जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ऊना के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर मार्च पास्ट की सलामी ली और जिलावासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय ध्वज फहराने, राष्ट्रगान और आकर्षक मार्च पास्ट से हुई। इस अवसर पर विभिन्न विभागों और संस्थाओं द्वारा विकास योजनाओं पर आधारित झांकियां निकाली गईं और रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से देशभक्ति का माहौल और भी प्रगाढ़ हुआ।
अनाथ बच्चों के संरक्षण में हिमाचल अग्रणी
अपने संबोधन में पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश ने सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। हिमाचल देश का पहला राज्य है जिसने कानून बनाकर 6,000 अनाथ बच्चों को सरकारी संरक्षण प्रदान किया है।
पठानिया ने इस पहल को न केवल समाज के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक बताया, बल्कि एक "मॉडल राज्य" बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी कहा।
हिमाचल की विकास यात्रा
विधानसभा अध्यक्ष ने स्वतंत्रता प्राप्ति के शुरुआती वर्षों की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश गठन के समय विकास के साधन सीमित थे, लेकिन मेहनतकश जनता और सरकार के सहयोग से आज शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों और उद्योगों का सुदृढ़ नेटवर्क तैयार हो चुका है।
देश की सुरक्षा में हिमाचल का योगदान
पठानिया ने कहा कि हिमाचल के वीर जवानों ने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। ऊना जिला समेत प्रदेश के अनेकों सैनिकों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
आपदाओं से निपटने में संवेदनशील सरकार
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि पिछले ढाई वर्षों में भारी बारिश और बाढ़ से प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है। 2023 की आपदा में प्रभावितों के पुनर्वास के लिए 4,500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया गया और मुआवजा राशि सात गुना तक बढ़ाई गई। इस वर्ष भी अब तक करीब 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, और सरकार पुनर्वास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
विकास के साथ चुनौतियों से सतर्क रहने की सलाह
उन्होंने कहा कि जहां एक ओर विकास तेज़ी से हो रहा है, वहीं पर्यावरणीय असंतुलन और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए नीतियों में संतुलन आवश्यक है। उन्होंने आवासीय क्षेत्रों और अधोसंरचना विकास को इस तरह से करने पर बल दिया जिससे प्रकृति को न्यूनतम क्षति पहुंचे।
युवाओं को रोजगार और कौशल विकास पर जोर
पठानिया ने युवाओं को देश की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाकर ही प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है।
प्रेरणादायी हस्तियों और कर्मवीरों का सम्मान
समारोह में सामाजिक कार्यकर्ताओं, आपदा राहत में सहयोग देने वालों, नशा निवारण, पर्यावरण संरक्षण और बेसहारा पशुओं की सेवा करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया।
सम्मान पाने वालों में जीनत महंत, कर्ण सैणी, स्नेक कैचर जितेंद्र कुमार व दामिनी, संदीप कुमार, देवभूमि फाउंडेशन, अद्वैता फाउंडेशन, राधा माधव सेवा संस्था, एनिमल रेस्क्यू सोसाइटी और सतीश शर्मा शामिल रहे।
इसके अलावा, उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस, स्वास्थ्य, जलशक्ति विभाग, होमगार्ड्स और फायर सर्विस कर्मियों को भी सम्मानित किया गया।
स्कूली बच्चों और एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के कैडेट्स को भी पुरस्कार दिए गए।
कार्यक्रम में मौजूद रहे
इस अवसर पर चिंतपूर्णी के विधायक सुदर्शन बबलू, बंगाणा के विधायक विवेक शर्मा, राज्य एससी कमीशन के अध्यक्ष कुलदीप धीमान, पूर्व विधायक सतपाल रायजादा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणजीत राणा, उपायुक्त ऊना जतिन लाल, पुलिस अधीक्षक अमित यादव और अन्य अधिकारी, स्थानीय लोग और स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।
समारोह से पहले विधानसभा अध्यक्ष ने एमसी पा
र्क स्थित शहीद स्मारक में पुष्पचक्र अर्पित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
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