कांग्रेस के कुशासन से तंग आकर त्रिलोक कपूर के कुशल नेतृत्व के साथ थामा भाजपा का दामन :- यशपाल बालिया
कांग्रेस के कुशासन से तंग आकर त्रिलोक कपूर के कुशल नेतृत्व के साथ थामा भाजपा का दामन :- यशपाल बालिया
पालमपुर सिविल हॉस्पिटल से एक साथ 7 डॉक्टरों का जाना दुर्भाग्यपूर्ण, उक्त शब्द भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने पालमपुर में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो व्यवस्था है वह पूरी तरह चरमरा गई है, हम सबके ध्यान में है कि लगभग 8 महीने से पी एच सी मनियाडा में डॉक्टर नहीं है और जब हम सरकार पर अपना दबाव बनाते हैं तो किसी दूसरे पीएचसी से डेपुटेशन पर 2 दिन के लिए वहां डॉक्टर भेजने का प्रयास किया जाता है, अभी जो मनियाडा पीएचसी यह स्थिति है कि जो कंडवाडी पीएचसी के डॉक्टर हैं वह 2 दिन गोपालपुर में, 2 दिन मनियाडा में और 2 दिन कंडवाड़ी में अपनी सेवाएं देते हैं जबकि यह तीनों हमारे ग्रामीण क्षेत्र है।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की सबसे बड़ी उम्मीद के रूप में हमारा पालमपुर का सिविल हॉस्पिटल है और आप सबके ध्यान में है कि पालमपुर हॉस्पिटल से एक मुस्त 7 डॉक्टर चले जाना कितना गंभीर विषय है, और यहां से जाने का कारण आगे पढ़ाई करना भी हो सकता है लेकिन यह सारी बातें सरकार की जानकारी में रहती हैं बल्कि सरकार ही उनको अनुमति देती है और पालमपुर सिविल अस्पताल में ज्यादातर लोग ग्रामीण परिपेक्ष के गरीब लोग आते हैं। लेकिन आज पालमपुर के सिविल अस्पताल में स्किन स्पेशलिस्ट, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, ऑर्थो स्पेशलिस्ट के 2 डॉक्टर, गाईनी स्पेशलिस्ट, एनेस्थीसिया के 2 डॉक्टर, कुल मिलाकर 7 डॉक्टर, 3 स्टाफ नर्स 4 वार्ड नर्स, चार चपरासी पालमपुर से चले गए हैं। अगर सरकार और स्थानीय विधायक को उनके जाने के बारे में पता था तो यहां वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं बनाई गई, इससे लगता है कि सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है।
कपूर ने कहा कि शहर के अस्पताल में डॉक्टर नहीं, गांव के अस्पताल में डॉक्टर नहीं तो फिर इसका जिम्मेदार कौन है, यह बहुत चिंता का विषय है और मुझे याद है कि जब भारतीय जनता पार्टी सरकार के समय जब विपिन सिंह परमार स्वास्थ्य मंत्री थे तो पालमपुर में चाहे भवन का विषय हो या अन्य सुविधाएं हों, हम सब जानते हैं कि अगर हिमाचल प्रदेश को उस समय पहला ऑक्सीजन प्लांट मिला तो वह पालमपुर का मिला। और मुझे यह भी याद है कि हमारे समय में एक डॉक्टर कुछ समय के लिए बाहर चला गया तो यहां के माननीय विधायक अपने कार्यकर्ताओं को लेकर गेट पर धरने में बैठ गये।
आज मैं माननीय विधायक को पूछना चाहता हूं कि अखबारों में खबरें छप रही हैं, लोग हाहाकार मचा रहे हैं तो वह कब मुख्यमंत्री से इस बारे में बात करेंगे। विधायक तो क्या करेंगे पर मैं सरकार और प्रशासन को चेतावनी देता हूं कि अगर एक सप्ताह के अंदर डॉक्टरों की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की तो इसी गेट पर भारतीय जनता पार्टी आंदोलन करेगी।
उन्होंने कहा कि यही नहीं पालमपुर से जुड़ा हुआ एक विषय और है यहां के जो किसान हैं, जिनके छोटे-छोटे खेत हैं उनके लिए सबसे बड़ी समस्या बेसहारा पशु हैं, मुझे याद है कि जब यह विषय हमारे ध्यान में आया तो भारतीय जनता पार्टी ने इस विषय को गंभीरता से लिया और बड़सर के निकट कुड्डन में काऊ सेंचुरी का निर्माण किया गया था। लेकिन उस समय लंपी की बीमारी आने से पशुओं को इकट्ठा रखना संभव नहीं हो पाया था।
उन्होंने ने कहा कि लेकिन दुर्भाग्यवश कांग्रेस की सरकार आई और हम 2 वर्ष तक इंतजार करते रहे कि बेसहारा पशुओं को उस काऊ सैंचरी में शिफ्ट करने का काम सरकार करेगी, नगरी क्षेत्र के लोगों को मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ा और उस दबाव के कारण विभाग को उसको चलाना पड़ा, पर हुआ यह की 25 पशु ग्रामीण क्षेत्र के और 25 पशु शहर क्षेत्र के उस सेंचुरी में रखे गए। जबकि वहां पर एक साथ 300 पशुओं को रखने की व्यवस्था भारतीय जनता पार्टी ने उस समय की थी। आज सरकार के कुशासन के कारण पालमपुर के किसानों को आवारा पशुओं के आतंक से बहुत नुकसान हो रहा है, 25 - 25 पशु सिलेक्ट करके कोऊ सेंचुरी में रखना भी संदेह के दायरे में आता है और हम जरूर इसकी भी सूची मांगेंगे की यह पशु किसके हैं।
कपूर ने कहा कि एक योजना पूर्वक पालमपुर को विकसित करने के लिए हम नगर निगम को लेकर आए थे लेकिन आज नगर निगम की हालत देखिए जो कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो में बहुमंजिला, आधुनिक पार्किंग बनाने की बात करती थी आज सड़क कि सफेद लाइन के बाहर पार्किंग की पर्चियां अपने चहेतों द्वारा कटवा रही है। स्थानीय विधायक बताएं कि 5 सालों में कौन सी पार्किंग यहां पर बनी है, और नगर निगम में ही यहां के अधिकारी टेंडर फॉर्म देने और काम होने के बाद पैसे देने के समय ठेकेदारों को कहते हैं कि ऊपर से फोन करवाओ तब आपका काम होगा। मैं इन अधिकारियों को चेतावनी देता हूं कि हमारे देश में डेमोक्रेसी है जो ठेकेदार टेंडर के लिए क्वालीफाई करता है उसको टेंडर फॉर्म भी बिना फोन के दें और उनके पैसों का भुगतान भी उनका काम देखकर करें। अगर दोबारा किसी से यह सुनने को मिला की अधिकारी कह रहे हैं कि ऊपर से फोन करवाओ तो उन अधिकारियों के खिलाफ भी हम आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
उन्होंने कहा कि तीसरा मुद्दा भी नगर निगम और पंचायत चुनावों से जुड़ा हुआ है की चुनाव आयोग ने रोस्टर जारी करने की अपनी सारी प्रक्रिया पूरी कर दी है और वह सरकार से रोस्टर जारी करने की अनुमति मांग रहे हैं तो सरकार क्यों आनाकानी कर रही है। इससे यह सुनने में मिल रहा है कि पंचायत और नगर निकाय के चुनाव में कांग्रेस अपनी सुविधा के अनुसार रोस्टर बनाना चाह रही है, लेकिन मैं हिमाचल प्रदेश की सरकार और प्रशासन के अधिकारियों को चेतावनी देना चाहता हूं कि अगर रोस्टर किसी चहेते की सुविधा के अनुसार बनाया गया तो भारतीय जनता पार्टी इस पर पूरी नजरें बनाए बैठी है, और भारतीय जनता पार्टी यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी।
कपूर ने कहा कि आज मुझे बहुत प्रसन्नता है कि कुछ समय के लिए कांग्रेस में गए पूर्व जिला परिषद सदस्य यशपाल बालिया ने भारतीय जनता पार्टी में घर वापसी कर ली है और मैं इनको विश्वास दिलाता हूं कि आपको इस पार्टी में पूरा मान सम्मान दिया जाएगा।
इस अवसर पर यश बाल वालीया ने कहा कि मुझसे 15 साल पहले एक बहुत बड़ी गलती हो गई थी जो मैंने कांग्रेस का दामन थामा था लेकिन कांग्रेस के कुशासन और झूठी ग्रंटियों पर जब क्षेत्र की महिलाओं ने और लोगों ने मुझसे जवाब मांगना चाहा तो मेरे पास कोई जवाब नहीं था और बड़े दुखी मन से मैं आज कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में दोबारा वापस आया हूं और विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में त्रिलोक कपूर जी को भारी जीत दिलाने का काम हम सब मिलकर करेंगे।
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