हमीरपुर की बेटी बिंदिया कौशल ने रचा इतिहास, यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रस पर लहराया तिरंगा - Smachar

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हमीरपुर की बेटी बिंदिया कौशल ने रचा इतिहास, यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रस पर लहराया तिरंगा

 हमीरपुर की बेटी बिंदिया कौशल ने रचा इतिहास, यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रस पर लहराया तिरंगा


शिमला/हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश की वीरांगनाओं ने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और साहस का लोहा मनवाया है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश पुलिस की कांस्टेबल तथा हमीरपुर ज़िला निवासी बिंदिया कौशल ने एक और अद्भुत उपलब्धि हासिल कर पूरे प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। बिंदिया ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रस (ऊँचाई 5,642 मीटर) पर सफलतापूर्वक तिरंगा फहराकर नया इतिहास रच दिया।

इस विजय के साथ ही बिंदिया कौशल का नाम उन चुनिंदा साहसी पर्वतारोहियों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने विश्व की Seven Summits में से एक मानी जाने वाली इस चोटी को फतह किया है।

मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएँ

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने बिंदिया कौशल को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल हिमाचल बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि माउंट एल्ब्रस की चढ़ाई बेहद कठिन परिस्थितियों में होती है, जहाँ अत्यधिक ठंड, बर्फीले तूफान और ऑक्सीजन की कमी जैसी चुनौतियाँ पर्वतारोहियों की राह मुश्किल बनाती हैं। इसके बावजूद बिंदिया ने हिम्मत, लगन और आत्मविश्वास के बल पर इस असंभव सी लगने वाली चुनौती को संभव कर दिखाया।

मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि बिंदिया की यह सफलता प्रदेश की युवा पीढ़ी, विशेषकर महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। उन्होंने कहा कि सेवा में रहते हुए भी पर्वतारोहण जैसी कठिन साधना कर पाना उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत का प्रमाण है।

पुलिस विभाग और प्रदेशवासियों में खुशी की लहर

बिंदिया कौशल हिमाचल प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं। पुलिस विभाग ने उनके इस साहसिक कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह उपलब्धि पूरे विभाग के लिए गर्व का विषय है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बिंदिया ने साबित कर दिया है कि समर्पण और अनुशासन से किसी भी क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल की जा सकती हैं।

हमीरपुर ज़िले सहित पूरे प्रदेश से बधाइयों का सिलसिला जारी है। स्थानीय लोगों ने कहा कि बिंदिया कौशल ने तिरंगा फहराकर प्रदेश की बेटियों के हौसले बुलंद किए हैं और उनके इस साहस से युवा वर्ग को निश्चित ही नई दिशा मिलेगी।

माउंट एल्ब्रस और ‘सेवन समिट्स’

माउंट एल्ब्रस यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी है, जिसकी ऊँचाई 5,642 मीटर है। यह पर्वत रूस के कॉकसस पर्वत श्रृंखला में स्थित है। दुनिया भर के पर्वतारोही इसे Seven Summits (दुनिया की सात सबसे ऊँची चोटियाँ, जो हर महाद्वीप में स्थित हैं) की सूची में शामिल मानते हैं। इनमें माउंट एवरेस्ट (एशिया), एकांकागुआ (दक्षिण अमेरिका), डेनाली/मैककिंले (उत्तरी अमेरिका), किलिमंजारो (अफ्रीका), माउंट विन्सन (अंटार्कटिका), कार्स्टेंस पिरामिड/पुंचाक जया (ओशिनिया) और माउंट एल्ब्रस (यूरोप) शामिल हैं।

माउंट एल्ब्रस की चढ़ाई हर पर्वतारोही का सपना होती है क्योंकि इसकी ऊँचाई के साथ-साथ यहाँ का मौसम और भूगोल इसे अत्यंत चुनौतीपूर्ण बना देता है।

गौरव का क्षण

बिंदिया कौशल की इस विजय ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हिमाचल की धरती केवल वीर सैनिक ही नहीं बल्कि साहसी पर्वतारोही, खिलाड़ी और समाजसेवी भी देश को देती रही है। उनकी यह सफलता आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देती है कि अगर मन में जज़्बा और हौसला हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

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