भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर। - Smachar

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भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर।

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर। 

लॉटरी सिस्टम की वापसी – सुक्खू सरकार का नैतिक दिवालियापन और सामाजिक पतन का प्रमाण: गोविंद सिंह ठाकुर  


मनाली : ओम बौद्ध /

मनाली “प्रदेश को नैतिक, सामाजिक और आर्थिक गर्त में धकेलने वाला लॉटरी सिस्टम, जिस पर हिमाचल ने 26 साल पहले ताला जड़ा था, उसे सुक्खू सरकार ने फिर से खोलने का शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाया है। यह निर्णय प्रदेश के गरीब, मध्यमवर्गीय और युवा वर्ग के साथ खुला विश्वासघात है।” यह कड़ा आरोप भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मनाली में मीडिया से बातचीत के दौरान लगाया। 

उन्होंने कहा कि चार दिन तक चली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का यह निर्णय उनके दिमागी दिवालियापन और जनविरोधी सोच का प्रमाण है। वर्ष 1974 में कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू किया गया यह लॉटरी सिस्टम हिमाचल में घर-घर में झगड़े, कर्ज, जमीन बिकने और आत्महत्याओं तक का कारण बना। गरीब जनता को ठगने वाले लॉटरी माफियाओं ने सामाजिक ताने-बाने को तहस-नहस कर दिया था। 

गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि वर्ष 1994 से 1999 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 17 निजी कंपनियों को ठेके दिए, जिनमें एम.एस. ट्रेडिंग, रॉयल लॉटरी, बॉम्बे लॉटरी जैसी बाहरी कंपनियां शामिल थीं। इन पर कई राज्यों में वित्तीय घोटालों के गंभीर आरोप लगे। कैग की 1999-2000 की रिपोर्ट में साफ दर्ज है कि प्रदेश को राजस्व के नाम पर 500 करोड़ से अधिक की गड़बड़ियां हुईं। 

उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 1998 में प्रो. प्रेम कुमार धूमल के मुख्यमंत्री बनने के बाद इन गड़बड़ियों को देखते हुए 1999 में लॉटरी सिस्टम पर रोक लगाकर हिमाचल की जनता को राहत दी गई थी। लेकिन आज, उसी घोटालेबाज और विनाशकारी व्यवस्था को सुक्खू सरकार ने फिर से जीवित कर दिया है। 

पूर्व मंत्री ने सवाल दागा कि “क्या राजस्व जुटाने के नाम पर सरकार हर अनैतिक काम को बढ़ावा देगी? क्या जनता के सपनों और जिंदगी की कीमत पर प्रदेश की तिजोरी भरी जाएगी?” उन्होंने कहा कि लॉटरी प्रथा शुरू होने से पहले ही 14 आत्महत्याओं की घटनाएं दर्ज हुई थीं, जो इस व्यवस्था की क्रूर सच्चाई को उजागर करती हैं। 

गोविंद सिंह ठाकुर ने चेतावनी दी कि भाजपा इस जनविरोधी और अनैतिक पतन को बढ़ावा देने वाले निर्णय का घोर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि यह नीति, नीति नहीं बल्कि प्रदेश की आत्मा को नीलाम करने का कृत्य है और जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी।

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