हमें विरासत से जुड़े त्योहार मिलजुल कर मनाने चाहिए: परमजीत सिंह गिल - Smachar

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हमें विरासत से जुड़े त्योहार मिलजुल कर मनाने चाहिए: परमजीत सिंह गिल

हमें विरासत से जुड़े त्योहार मिलजुल कर मनाने चाहिए: परमजीत सिंह गिल 

बटाला (अविनाश शर्मा, राजेश लाहोरिया):- हिमालय परिवार संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं लोकसभा हलका गुरदासपुर के वरिष्ठ नेता परमजीत सिंह गिल ने कहा कि लोहड़ी का त्योहार पोह माह के आखिरी दिन की रात को मनाया जाता है।  जिस घर में लड़के का जन्म होता था, वे घरवाले लड़के के जन्म की खुशी में लोहड़ी के दिन गुड़ बांटते थे।   हमारा समाज पुरुष प्रधान है जिसके कारण लड़के को लड़की से ज्यादा महत्व दिया गया है, इसीलिए लड़के के जन्म पर जश्न मनाया जाता है।  लेकिन अब लोगों में बढ़ती जागरूकता के कारण बेटियों की लोहड़ी भी मनाई जाने लगी है।  इस दिन दान-पुण्य किया जाता है।   लोहड़ी मांगते समय दो गरीब लड़कियों की शादी करवाने वाले दुल्ले भट्टी के गीत भी गाए जाते है।


उन्होंने बताया कि लोहड़ी का संबंध हरनाक्श की बहन होलिका से भी है, इस रात मूंगफली और मक्के के दानों को लोहड़ी की अग्नि में डालकर पूजा की जाती है। जिस घर में लोहड़ी जलती थी उस समय लोहड़ी जलाने आए सभी पुरुषों और बच्चों को गुड़ बांटा जाता था और पूरे गांव में खुशियां भी बांटी जाती थीं।  लेकिन अब पहले वाला प्यार और भाईचारा खत्म हो गया है।  लोहड़ी का गुड़ अब सभी गांवों या शहरों में नहीं बांटा जाता। घरों में लोहड़ी जलाने का रिवाज भी कम हो गया है।  अब  मिलजुल कर लोहड़ी मनाना हमारी विरासत से दिन-प्रतिदिन लुप्त होता जा रहा है।

 उन्होंने कहा कि हम सभी को विरासत से जुड़े त्यौहार मिल-जुलकर मनाने चाहिए ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को अपनी विरासत से जोड़े रख सकें।


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