गृध्रसी (साइटिका) का आयुर्वेद से सफल चमत्कारी इलाज - Smachar

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गृध्रसी (साइटिका) का आयुर्वेद से सफल चमत्कारी इलाज

गृध्रसी (साइटिका) का आयुर्वेद से सफल चमत्कारी इलाज

गृध्रसी (साइटिका) के लक्षण-: 

एक पैर मे पंजे से लेकर कमर तक दर्द होना गृध्रसी या रिंगण बाय कहलाता है। प्रायः पैर के पंजे से लेकर कूल्हे तक दर्द होता है जो लगातार होता रहता है। मुख्य लक्षण यह है कि दर्द केवल एक पैर मे होता है। दर्द इतना अधिक होता है कि रोगी सो भी नहीं पाता।


गृध्रसी (साइटिका) का उपचार:-

पारिजात (हरसिंगार) के 10-15 कोमल पत्ते को कटे फटे न हों तोड़ लाएँ। पत्ते को धो कर मिक्सी मे या कैसे ही थोड़ा सा कूट ले या पीस ले। बहुत अधिक बारीक पीसने कि जरूरत नहीं है। लगभग 200-300 ग्राम पानी मे धीमी आंच पर उबालें। चाय की तरह पकाए और छान कर गरम गरम पानी पी ले।

प्रतिदिन 2 बार इस पानी को पीएं। इस पारिजात(हरसिंगार) के पत्तों के काढ़े से 15 मिनट पहले और बाद तक ठंडा पानी,दही,लस्सी और आचार आदि न खाएं।

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