SFI इकाई चंबा द्वारा महाविद्यालय परिसर में मांगों को लेकर प्रोटेस्ट - Smachar

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SFI इकाई चंबा द्वारा महाविद्यालय परिसर में मांगों को लेकर प्रोटेस्ट

SFI इकाई चंबा द्वारा महाविद्यालय परिसर में मांगों को लेकर प्रोटेस्ट 

चंबा समाचार

चंबा:-   एस एफ आई इकाई चंबा द्वारा महाविद्यालय परिसर में मांगों को लेकर प्रोटेस्ट किया गया। जिसमें एस एफ आई की मुख्य मांगे निम्नलिखित हैं:

1 कॉलेज परिसर में एक न्यूनतम दर का साइबर कैफे खोला जाए।

2  महाविद्यालय के नए परिसर में जल्द से जल्द लाइब्रेरी खोली जाए 

3  महाविद्यालय में सीट सिस्टम खत्म किया जाए। 

4 महाविद्यालय के  छात्रवास की जल्द से जल्द मरम्मत की जाए।

5 महाविद्यालय की मरम्मत की जाए। 

6 महाविद्यालय में चिकित्सक रूम खोला जाए

7 महाविद्यालय की लाइब्रेरी में नई किताबें लाई जाए

8 PTA के नाम पर लूट न की जाए


1 PTA

PTA Fund की शुरुवात 2006 में की गई थी। जिसका मुख्य उद्देश्य जिस सब्जेक्ट में टीचरों के पद खाली हो उनमें उन्हें PTA के पैसे पर रखा जाए ताकि वह छात्रों को पढ़ा सके। लेकिन इस फंड पर किसी भी टीचर को नहीं रखा जाता है हालांकि महाविद्यालय चंबा में 5 पद टीचरों के खाली चल रहे है। PTA के ऊपर एक भी शिक्षक को नहीं रखा गया है तो फिर इस फंड का लिया जाना क्यों जरूरी है। आखिर गरीब परिवार के छात्रों पर इतनी लूट क्यों की जा रही है। आखिर कॉलेज प्रशासन के लिए शिक्षा से ज्यादा क्या महत्वपूर्ण है।

किसी न किसी तरह से छात्रों की शिक्षा को महंगा करने की क्यों कोशिश की जा रही इस PTA फंड की अनुमानित राशि 2006 से अब तक लगभग 24000000 इतना सारा पैसा छात्रों से बसूला जा रहा है। तो उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएं कौन देगा। किसकी जिम्मेदारी है। 

इतने दूर दराज से आने वाले छात्र चंबा क्यूं आते है। जिला मुख्यालय कॉलेज में उन्हें ठीक ढंग से शिक्षा तक हासिल नहीं हो पा रही है। रहने के लिए छात्रावासों की व्यवस्था नहीं है। इसका जिम्मेवार कौन है। छात्रों के भविष्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।


2 मेडिकल रूम 

बात करे महाविद्यालय चंबा में मेडिकल रूम की तो मेडिकल के नाम महाविद्यालय चंबा में फर्स्ट एड किट तक नहीं है। और सालाना छात्रों के पैसे लिए जाते है। इसे हम लिए जाना नहीं बोलेंगे बसुला जाता है। आए दिन देखने को मिलता है कोई बेहोश हो गया, किसी को चक्कर आ गया, किसी को माइनर चोट आए। इन सब के लिए महाविद्यालय में मेडिकल की व्यवस्था होनी चाहिए।


3 हॉस्टल की मांग 

दोस्तो अब आपका ध्यान महाविद्यालय चंबा के boys hostel की बात करूं तो 2011 में बन कर तैयार हुआ था। आज उस हॉस्टल की ऐसी हालत है कि बहा पर कोई जानवर भी नहीं रह सकता। पर फिर भी गरीब घर छात्र बहा पर रहते है। जो बाहर का किराया नहीं अफोर्ट नहीं कर सकता। वो छात्र उस बद से बत्तर हॉस्टल में रह रहा है। जबकि फीस कॉलेज द्वारा फीस पूरी ली जाती है।


4 लाइब्रेरी

नए महाविद्यालय चंबा के पी जी ब्लॉक का उद्घाटन काफी समय पहले हो चुका है। और बीते वर्ष प्रधानाचार्य डॉ विद्यासागर द्वारा हमें यह आश्वासन दिया गया कि महाविद्यालय परिसर में एक पूरी मंजिल को लाइब्रेरी बनाया जाएगा।  महाविद्यालय चंबा की अनुमानित संख्या 4000 के करीब है। और लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए सीटें केवल 60 से 70।  

छात्रों के एग्जाम शुरू होने वाले है और उन्हें पढ़ने के लिए मजबूरन प्राइवेट लाइब्रेरियों की मेंबरशिप लेनी पड़ रही है। जबकि जिला मुख्यालय कॉलेज के पास 200 विद्यार्थियों को पढ़ने तक की जगह नहीं है। कॉलेज के समीप बाली प्राइवेट लाइब्रेरियों को कौन बढ़वा दे रहा है। क्या चंबा कॉलेज इतना गया गुजरा है कि छात्रों के पढ़ने के लिए लाइब्रेरी तक की सही व्यवस्था नहीं है।  

छात्रों की फ्री शिक्षा तो दूर की बात है पैसा लेकर भी ढंग से सही तरीके से शिक्षा देने में असमर्थ है। इस लिए एस एफ आई ये भी मांग करती है कि महाविद्यालय भवन ने जल्द से जल्द लाइब्रेरी को खोला जाए। ताकि छात्र अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए मेहनत कर पाए। 

महाविद्यालय की डॉ भीम राव आंबेडकर लाइब्रेरी की बात करना चाहूंगा। कितने ही सालों से किताबों के नए संस्करण नहीं लाए गए। आज हमारे कॉलेज को लाइब्रेरी में किताबो के दूसरे तीसरे  वो एडिशन चल रहे है जिन के असल में छठे ओर सातवें संस्करण मार्केट में उपलब्ध है। फिर इस प्रकार कॉलेज में हो रहा है छात्रों का विकास।

एस एफ आई प्रधानाचार्य से यह भी मांग करती है कि जल्द से जल्द लाइब्रेरी में नए संस्करण लाए जाएं तथा जो भी मांगे की गई हैं उनपर विचार किया जाए। अन्यथा छात्रों द्वारा ये प्रोटेस्ट आगे भी जारी रहेगा।

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