राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर सोलन जिले के 2.24 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल दवा : डॉ. अजय पाठक - Smachar

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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर सोलन जिले के 2.24 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल दवा : डॉ. अजय पाठक

 राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर सोलन जिले के 2.24 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल दवा : डॉ. अजय पाठक


सोलन

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर 21 अगस्त, 2025 को सोलन जिले में व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान 1077 विद्यालयों और 1281 आंगनबाड़ी केंद्रों में लगभग 2,24,000 बच्चों को एल्बेंडाजोल दवा खिलाई जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय पाठक ने एक प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए दी।


बच्चों को स्वस्थ रखने का उद्देश्य


डॉ. पाठक ने कहा कि बच्चों को यह दवा पिलाने का मुख्य उद्देश्य उन्हें पेट के कीड़ों से मुक्त कर स्वस्थ जीवन प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस वर्ष में दो बार, फरवरी और अगस्त माह में मनाया जाता है, और इस दौरान प्रथम वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को यह दवा खिलाई जाती है।


स्वास्थ्य और स्वच्छता पर जोर


मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस अवसर पर बच्चों को केवल दवा ही नहीं दी जाएगी, बल्कि हाथों की सफाई, व्यक्तिगत स्वच्छता, डायरिया, एनीमिया और क्षय रोग (टीबी) से बचाव की जानकारी भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त बच्चों को नशे से दूर रहने और नशे के दुष्प्रभावों के बारे में भी जागरूक किया जाएगा।


विद्यालय न आने वाले बच्चों तक भी पहुंचेगी दवा


डॉ. पाठक ने कहा कि जो बच्चे विद्यालय या आंगनबाड़ी केंद्र नहीं आते, उन्हें आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर एल्बेंडाजोल दवा पिलाएंगी। इस प्रकार जिले के प्रत्येक पात्र बच्चे को दवा उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा।


पेट के कीड़े और एनीमिया का संबंध


मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पेट के कीड़े बच्चों में एनीमिया और रक्त की कमी के प्रमुख कारण हैं। नियमित रूप से एल्बेंडाजोल दवा खाने से इस समस्या से बचाव होता है और बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


आयरन फोलिक एसिड की खुराक भी जरूरी


उन्होंने प्रशिक्षण कार्यशाला में मौजूद प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे सप्ताहिक आयरन-फोलिक एसिड कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली गोलियां भी बच्चों को अवश्य दें। डॉ. पाठक ने कहा कि रक्त की कमी से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है, इसलिए इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।


कार्यशाला में दी गई जानकारी


प्रशिक्षण कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रियंका ने कृमि मुक्ति दिवस के महत्व और इसके संचालन की विस्तृत जानकारी दी।

इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों से आए नोडल अध्यापक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे, जिन्होंने अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया।

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