पालमपुर सिविल अस्पताल की बदहाली पर भाजपा का हल्ला बोल, त्रिलोक कपूर ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना
पालमपुर सिविल अस्पताल की बदहाली पर भाजपा का हल्ला बोल, त्रिलोक कपूर ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना
पालमपुर
पालमपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के ठप पड़ने और सिविल अस्पताल की बदहाली को लेकर भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर जोरदार हमला बोला है। भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक त्रिलोक कपूर ने पालमपुर नगर में भाजपा मंडलों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के उपरांत पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद पालमपुर विकास की मुख्यधारा से पूरी तरह बाहर हो गया है।
कपूर ने कहा कि पालमपुर का यह दुर्भाग्य है कि कांग्रेस नेताओं की नालायकी और लापरवाही के कारण क्षेत्र की संस्थाएं एक-एक करके जर्जर होती जा रही हैं। उन्होंने विशेष रूप से पालमपुर सिविल अस्पताल का उदाहरण देते हुए कहा कि यह अस्पताल केवल पालमपुर क्षेत्र ही नहीं बल्कि साथ लगते बैजनाथ, जयसिंहपुर और सुलह के लोगों के लिए भी जीवनरेखा है।
भाजपा सरकार में थीं पूरी सुविधाएं, अब हालात बद से बदतर
भाजपा नेता ने बताया कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में अस्पताल को हर दृष्टि से सुदृढ़ किया गया था। चाहे पर्याप्त भवन का निर्माण हो, ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना, डायलिसिस की सुविधा या विशेषज्ञ डॉक्टर और तकनीकी स्टाफ की तैनाती – हर स्तर पर अस्पताल सेवाओं से लैस था।
लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद हालात लगातार बिगड़ते चले गए। आज स्थिति यह है कि मरीजों को न तो पर्याप्त दवाइयां मिल रही हैं और न ही डॉक्टर और अन्य स्टाफ समय पर उपलब्ध हो पा रहे हैं।
48 पद खाली, मरीजों को भारी परेशानी
त्रिलोक कपूर ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पालमपुर सिविल अस्पताल में 34 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन केवल 23 डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। 11 पद रिक्त पड़े हैं, जिनमें हाल ही में 7 डॉक्टरों का तबादला एक साथ कर दिया गया। इन पदों में ऑर्थो, गायनी और स्किन जैसे विशेषज्ञ डॉक्टर भी शामिल हैं।
इसी तरह अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी है।
फार्मासिस्ट : 10 स्वीकृत, 9 कार्यरत
मेट्रन : 3 स्वीकृत, 2 कार्यरत
वार्ड सिस्टर : 9 स्वीकृत, 5 कार्यरत
स्टाफ नर्स : 42 स्वीकृत, 40 कार्यरत
ओटीए : 4 स्वीकृत, 2 कार्यरत
ड्राइवर : 3 स्वीकृत, 2 कार्यरत
क्लास-4 कर्मचारी : 38 स्वीकृत, केवल 10 कार्यरत
कपूर ने कहा कि जब भाजपा की सरकार थी, उस समय यदि किसी कारणवश एक भी पद खाली होता था तो वर्तमान विधायक सिविल अस्पताल के गेट पर ढोल पीटकर हंगामा मचाते थे। लेकिन आज जब 48 पद खाली हैं, तब कांग्रेस विधायक और सरकार खामोश क्यों हैं? जनता इसका जवाब चाहती है।
ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र भी उपेक्षा के शिकार
कपूर ने कहा कि न केवल सिविल अस्पताल, बल्कि पालमपुर के ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्र – चाहे मणियाडा, कंडवाड़ी या गोपालपुर हों – सभी का यही हाल है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के न होने से ग्रामीण जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
जनता करेगी आंदोलन की तैयारी
भाजपा नेता ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही पालमपुर सिविल अस्पताल और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों और आवश्यक स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती नहीं की गई, तो पालमपुर क्षेत्र की हर पंचायत रोजाना अस्पताल के बाहर धरने पर बैठने को मजबूर होगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा जनता की समस्याओं को अनदेखा नहीं होने देगी और कांग्रेस सरकार की नाकामी को बे
नकाब करने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी।
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