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पंचायत डोल भटहेड़ में सोलर लाइट चोरी का रहस्यमय मामला

 पंचायत डोल भटहेड़ में सोलर लाइट चोरी का रहस्यमय मामला

लगने के अगले दिन ही गायब हुई लाइट, कई कैमरों में कैद होने के बावजूद नहीं मिला सुराग


नगरोटा सूरियां : प्रेम स्वरूप शर्मा /

जवाली विधानसभा क्षेत्र की पंचायत डोल भटहेड़ में सोलर लाइट चोरी का मामला अब क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुका है। हैरानी की बात यह है कि जिस सोलर लाइट को सरकारी व्यवस्था के तहत कुछ दिन पहले महिला मंडल भवन के पास स्थापित किया गया था, वह लगने के अगले ही दिन रहस्यमय ढंग से चोरी हो गई।


घटना का सिलसिला


जानकारी के अनुसार, पंचायत डोल भटहेड़ में सोलर लाइट लगाने का काम बिना पंचायत को आधिकारिक सूचना दिए किया गया। यह जानकारी केवल उन चुनिंदा लोगों तक सीमित रही जो स्वयं को इस लाइट को सरकार से स्वीकृत करवाने का श्रेय ले रहे थे।

लाइट लगने के अगले ही दिन सुबह यह खबर फैल गई कि पोल सहित सोलर लाइट चोरी हो गई है।


पुलिस भी आई मौके पर


चोरी की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। बताया जा रहा है कि जिस वाहन से पोल और सोलर लाइट ले जाई गई, उसकी तस्वीरें और वीडियो कई सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई हैं। इसके बावजूद अब तक चोरी हुए पोल और सोलर लाइट का कोई सुराग न मिलना लोगों के लिए रहस्य बन गया है।


उपप्रधान और कांग्रेस युवा अध्यक्ष ने उठाए सवाल


पंचायत उपप्रधान साधू राम राणा और जबाली कांग्रेस पार्टी के युवा अध्यक्ष व पूर्व पंचायत समिति सदस्य सोनू धीमान ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि पंचायत क्षेत्र में जब भी किसी भी प्रकार की इकाई (यूनिट) स्थापित की जाती है तो उसकी सूचना पंचायत को देना अनिवार्य होता है और उसकी प्राप्ति रसीद पंचायत से ली जाती है।

लेकिन इस मामले में न तो पंचायत को सूचना दी गई और न ही कोई रसीद ली गई।


“पहला मामला पूरे हिमाचल में”


राणा और धीमान ने कहा कि सोलर लाइट की बैटरी चोरी के मामले तो कई बार सामने आते रहते हैं, लेकिन पोल सहित पूरी सोलर लाइट चोरी होना न केवल पंचायत डोल भटहेड़ बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश में पहली बार देखने और सुनने को मिला है।

उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की गहन जांच की जाए और चोरी हुए पोल व सोलर लाइट को जल्द बरामद किया जाए।


लोगों में बढ़ रही शंका


ग्रामीणों का कहना है कि जब सीसीटीवी फुटेज में चोरी का दृश्य कैद हो चुका है, तो पुलिस की जांच इतनी धीमी क्यों है? लोगों का मानना है कि यह घटना केवल चोरी ही नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाती है।

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