अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी पर सरकार का निर्णय विवादों में, योजनाओं के क्रियान्वयन की बजाय संस्थान स्थानांतरण पर जोर - Smachar

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अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी पर सरकार का निर्णय विवादों में, योजनाओं के क्रियान्वयन की बजाय संस्थान स्थानांतरण पर जोर

 अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी पर सरकार का निर्णय विवादों में, योजनाओं के क्रियान्वयन की बजाय संस्थान स्थानांतरण पर जोर


राष्ट्रीय महत्व के अवसरों पर सामान्यतः अपेक्षा की जाती है कि सरकार नई योजनाओं का शुभारंभ करे या किसी नए संस्थान की स्थापना की घोषणा करे, जिससे विकास को नई दिशा मिले। लेकिन इस बार सरकार के कदम ने लोगों को हैरान कर दिया है। नए प्रोजेक्ट या संस्थान की घोषणा करने के बजाय सरकार ने पहले से स्थापित एक संस्थान—अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी—को शिफ्ट करने का फैसला लिया, जिसे कई लोग संकीर्ण सोच का प्रतीक मान रहे हैं।

अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी पिछले लगभग पाँच वर्षों से कार्यरत है, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सरकार इसकी भविष्य की रूपरेखा को लेकर क्या करना चाहती है। कभी इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की चर्चा होती है, तो कभी हमीरपुर में इसके लिए नई जमीन तलाशने के निर्देश दिए जाते हैं। स्वयं मुख्यमंत्री ने इस कार्य के लिए कुछ लोगों को लगाया था, लेकिन अब तक ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है।

वर्तमान सरकार के कार्यकाल का आधे से अधिक समय बीत चुका है, ऐसे में उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री और उनकी टीम ठोस योजनाओं को शुरू कर उन्हें तेजी से क्रियान्वित करने पर ध्यान देंगे। लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है। इसके विपरीत, सरकार पर यह आरोप लग रहा है कि वह पहले से चल रहे संस्थानों को बंद करने, टेंडर हो चुके प्रोजेक्ट्स को रोकने, उनका बजट वापस मंगाने और जारी कार्यों को बीच में रोकने का काम कर रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के कदम न केवल विकास की गति को धीमा करते हैं, बल्कि संसाधनों और समय की भी बर्बादी होती है। जनता अब सरकार से अपेक्षा कर रही है कि वह उलझनों को बढ़ाने के बजाय योजनाओं के क्रियान्वयन और ठोस विकास कार्यों पर अपना ध्यान केंद्रित करे।

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