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पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

 पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

प्रभावित परिवारों को तुरंत और अधिक राहत देने की मांग, कहा – “देरी से मिली सहायता का कोई महत्व नहीं”


मंडी

प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के चलते आई आपदा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने रविवार को मंडी जिला के विभिन्न आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान वे अपने विधानसभा क्षेत्र बालीचौकी भी पहुंचे, जहां बीते दो दिनों में बादल फटने और भारी बारिश के कारण दर्जनों घर बह गए और कई परिवार बेघर हो गए।


 आपदा का लगातार बढ़ता दायरा

जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से प्रदेश आपदा की चपेट में है।


पहले यह संकट केवल मंडी और आसपास के इलाकों तक सीमित था, लेकिन अब कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, बिलासपुर और ऊना तक फैल चुका है।


राजधानी शिमला में भी हालात गंभीर हैं, जहाँ मुख्यमंत्री आवास के ठीक ऊपर लैंडस्लाइड हुई और सैकड़ों लोगों को सुरक्षित होटलों में शरण लेनी पड़ी।


सराज विधानसभा क्षेत्र के 12 से 14 हजार फीट ऊंचाई वाले दुर्गम क्षेत्रों में भी कटाव और भू-स्खलन जैसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां पहले आपदा की संभावना न के बराबर समझी जाती थी।


 राहत सामग्री और आर्थिक सहायता का वितरण

नेता प्रतिपक्ष ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें राहत सामग्री वितरित की। इस दौरान –


डेढ़ सौ से अधिक कंबल, गद्दे, तिरपाल, राशन और बर्तनों की किट्स दी गईं।


अपने घर, दुकान और पशुशाला खो चुके 48 परिवारों को नगद आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई।

उन्होंने इस मौके पर सभी दानी सज्जनों और समाजसेवियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने राहत सामग्री उपलब्ध करवाने में सहयोग किया।

 तत्काल और पर्याप्त राहत की अपील

जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोग बेहद कठिन हालात से गुजर रहे हैं।


हजारों लोग विस्थापित होकर रिश्तेदारों या किराए के मकानों में रह रहे हैं।


कई लोगों की जमीनें, बाग-बगीचे और फसलें नष्ट हो चुकी हैं।


ऐसे में जरूरत है कि प्रभावित परिवारों को तुरंत और पर्याप्त सहायता मिले।


 नए स्तर पर आपदा नीति की जरूरत

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और लगातार बदलते मौसम पैटर्न को देखते हुए आपदाएं अब अप्रत्याशित क्षेत्रों में भी सामने आ रही हैं। ऐसे में राज्य को आपदा प्रबंधन के लिए नई नीतियां और ठोस योजनाएं बनानी होंगी।


आपदाओं का वैज्ञानिक अध्ययन,


संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान,


सुरक्षित पुनर्वास योजना

जैसी पहलें अब अत्यंत आवश्यक हो गई हैं ताकि भविष्य में जान-माल की क्षति को न्यूनतम किया जा सके।


 जनता से अपील

जयराम ठाकुर ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।


अनावश्यक यात्राओं से बचें,


नदियों, नालों और खड्डों के समीप न जाएं,


असुरक्षित स्थानों पर ठहरने से परहेज करें।


 विधानसभा में उठाएँगे मुद्दा

जयराम ठाकुर ने आश्वासन दिया कि वह आपदा प्रभावितों के मुद्दे को राज्य सरकार और विधानसभा में मजबूती से

 उठाएँगे और पीड़ितों को अधिकतम मदद दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे।

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