उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने चिंतपूर्णी मंदिर में नवाया शीश – प्रदेश की खुशहाली और आपदामुक्ति की कामना - Smachar

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उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने चिंतपूर्णी मंदिर में नवाया शीश – प्रदेश की खुशहाली और आपदामुक्ति की कामना

 उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने चिंतपूर्णी मंदिर में नवाया शीश – प्रदेश की खुशहाली और आपदामुक्ति की कामना


ऊना/चिंतपूर्णी,

हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को अपने परिवारजनों के साथ विश्वप्रसिद्ध माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में माथा टेका। इस अवसर पर उन्होंने विधि-विधान से हवन व पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य और शांति की मंगल कामना की।


परिवार संग की पूजा-अर्चना


मंदिर दर्शन के दौरान उप मुख्यमंत्री के साथ उनकी बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री और बहन भी मौजूद रहीं। मुकेश अग्निहोत्री ने माता चिंतपूर्णी से प्रदेश में खुशहाली, प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा तथा जनसेवा के अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाने की शक्ति प्रदान करने का आशीर्वाद मांगा। इस मौके पर उपायुक्त जतिन लाल और मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।


250 करोड़ से होगा मंदिर का सौंदर्यीकरण


इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर का भव्य भवन निर्माण और सौंदर्यीकरण कार्य 250 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुगम दर्शन प्रणाली लागू की गई है, जिससे भीड़ प्रबंधन आसान हुआ है और वृद्धजनों व दिव्यांगजनों को विशेष सुविधा मिल रही है।


उन्होंने बताया कि डिजिटल युग की आवश्यकताओं को देखते हुए ऑनलाइन लंगर बुकिंग और ऑनलाइन दर्शन की सुविधा शुरू की गई है। वहीं, प्रसाद योजना के अंतर्गत मंदिर के विकास के लिए 56.26 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिससे धार्मिक पर्यटन और आध्यात्मिक विरासत को और मजबूती मिलेगी।


पुजारियों को मिला प्रशिक्षण


परंपरागत पूजा-पद्धति की शुद्धता बनाए रखने के लिए फरवरी 2025 में मंदिर न्यास के पुजारियों को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिलवाया गया है। इससे पूजा-अर्चना की प्रामाणिकता और गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।


सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण का संकल्प


उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों के संरक्षण व संवर्धन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार का लक्ष्य न केवल श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है, बल्कि परंपरागत पूजा पद्धतियों में शुद्धता व गुणवत्ता बनाए रखते हुए मंदिरों को डिजिटल और व्यवस्थित ढांचे में विकसित करना भी है।

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