कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे भूस्खलन के कारण बंद, ब्यास का बढ़ता जलस्तर बना खतरा
कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे भूस्खलन के कारण बंद, ब्यास का बढ़ता जलस्तर बना खतरा
मनाली : ओम बौद्ध /
कुल्लू-मनाली के बीच लगातार तीन दिनों से हो रही भारी बारिश ने पूरे क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। उज्ही घाटी के कशेरी और फोजल नाले में बादल फटने की घटना के बाद ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे नदी किनारे बसे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग तालाब में तब्दील
कुल्लू से मनाली के बीच नेशनल हाईवे कई जगहों पर पानी भरने से तालाब में बदल गया है। रायसन के पास सड़क धंस जाने से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन और जलभराव के कारण प्रशासन ने ट्रैफिक रोकने का निर्णय लिया है। इससे कुल्लू और मनाली के बीच संपर्क कट गया है और पर्यटक भी फंसकर परेशान हो रहे हैं।
पुलों पर मंडराया खतरा
भारी बारिश और सहायक नदियों के उफान के कारण क्षेत्र के कई पुल खतरे की जद में आ गए हैं। पलचान पुल, मनालसु पुल, समाहन, विंदू ढांक, महिली पुल और रायसन पुल की नींव पर दबाव बढ़ गया है। प्रशासन लगातार इन पुलों की निगरानी कर रहा है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
बिजली-पानी संकट और लोगों का पलायन
कई रिहायशी इलाकों में पानी घुस चुका है, जिससे लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ रही है। ब्यास से सटे गांवों के लोग एहतियातन अपने घर खाली कर रहे हैं। वहीं, कई इलाकों में बिजली और पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है, जिससे आम जनता को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
खतरे के बीच मछली का शिकार
गंभीर खतरे के बावजूद कुछ लोग अपनी जान जोखिम में डालकर ब्यास में मछली का शिकार करते देखे गए। प्रशासन ने इसे बेहद खतरनाक बताते हुए लोगों को नदी और नालों से दूर रहने की सख्त हिदायत दी है।
2023 जैसी बाढ़ के हालात
स्थानीय लोग कह रहे हैं कि हालात 2023 की बाढ़ की याद दिला रहे हैं। तेज बारिश के चलते ब्यास और उसकी सहायक नदियों में पानी का बहाव खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर राहत-बचाव दलों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं।
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