2025 की पहली पूर्णिया, जानें पूर्णिया की स्थिति बनती कैसे व जानें आज का पंचाग
2025 की पहली पूर्णिया, जानें पूर्णिया की स्थिति बनती कैसे व जानें आज का पंचाग
साल 2025 की पहली पूर्णिमा दो दिन बाद यानी 13 जनवरी को पड़ रही है. पूर्णिमा उस स्थिति को कहते है, जब धरती से चन्द्रमा पूर्णरूप में दिखाई देता है. ऐसी स्थिति तब बनती है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच स्थित होती है. पूर्णिमा की स्थिति साल में 12 बार आती है, जब चंद्र 12 राशियों में परिवर्तन कर उसमे 29.53 दिनों के लिए निवास करता है. इस बार यह पूर्णिमा कर्क राशि में होगी. कर्क राशि स्वभाव से बहुत ही संवेदनशील और भावुक होती है. इस राशि बदलाव से बाकी राशियों में क्या प्रभाव पड़ेगा और पूर्णिमा के क्या नकरात्मक प्रभाव होंगे हम यह भी आगे पढ़ेंगे, लेकिन उससे पहले यह जान लेते है की पूर्णिमा का शुभ समय क्या होगा. इस महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 जनवरी शाम 5 बजकर 3 मिनट पर हो जाएगी. वहीं, तिथि का 14 जनवरी की सुबह 3 बजकर 56 मिनट पर समापन हो जाएगा. ऐसे में यह पूर्णिमा 13 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करना और दान या सीधा देना बहुत शुभ माना जाता है.
जानें आज का पंचाग
| तिथि | पूर्णिमा | 27:55:59* |
| पक्ष | शुक्ल | |
| नक्षत्र | आद्रा | 10:37:07 |
| योग | वैधृति | 28:37:54* |
| करण | विष्टि भद्र | 16:25:47 |
| करण | बव | 27:55:59* |
| वार | सोमवार | |
| माह (अमावस्यांत) | पौष | |
| माह (पूर्णिमांत) | पौष | |
| चन्द्र राशि | मिथुन | till 28:18:31* |
| चन्द्र राशि | कर्क | from 28:18:31* |
| सूर्य राशि | धनु | |
| रितु | शिशिर | |
| आयन | उत्तरायण | |
| संवत्सर | क्रोधी | |
| संवत्सर (उत्तर) | कालयुक्त | |
| विक्रम संवत | 2081 विक्रम संवत | |
| गुजराती संवत | 2081 विक्रम संवत | |
| शक संवत | 1946 शक संवत | |
| कलि संवत | 5125 कलि संवत | |
| सौर प्रविष्टे | 30, पौष |


मिथुन
कर्क
धनु
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