सकट चौथ के दिन संतान की सुरक्षा के लिए माताएं निर्जला व्रत रखती
सकट चौथ के दिन संतान की सुरक्षा के लिए माताएं निर्जला व्रत रखती
सकट चौथ के दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपनी संतान की सुरक्षा के लिए गणेश जी की पूजा करती हैं. गणेश जी की पूजा के समय सौभाग्य योग बना है. गणपति की स्थापना करके उनको अक्षत्, सिंदूर, दूर्वा, धूप, दीप, नैवेद्य, पान, सुपारी, फूल, माला आदि अर्पित करें. तिल और गुड़ से बने तिलकुट का भोग गणेश जी को लगाएं. उसके बाद सकट चौथ की व्रत कथा पढ़ें. फिर गणेश जी की आरती करें. रात के समय में चंद्रमा की पूजा करें और अर्घ्य दें. उसके बाद पारण करके व्रत को पूरा करें. गणपति बप्पा के आशीर्वाद से आपके संकट दूर होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी.
सकट चौथ के साथ माता लक्ष्मी की पूजा का दिन भी है. शाम के समय में माता लक्ष्मी की पूजा लाल फूल, अक्षत्, लाल सिंदूर, कमलगट्टा, धूप, दीप आदि से करें. उनको खीर, बताशे, दूध से बनी सफेद मिठाई का भोग लगाएं. श्रीयत्र की पूजा करें. श्रीसूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. लक्ष्मी कृपा से आपके धन और संपत्ति में बढ़ोत्तरी होगी. शुक्रवार के दिन आप सफेद कपड़े पहनें और इत्र लगाएं. इससे आपकी कुंडली का शुक्र दोष दूर होगा. वैदिक पंचांग से जानें सकट चौथ का मुहूर्त, चांद निकलने का समय, सूर्योदय, राहुकाल, दिशाशूल, चौघड़िया समय आदि.
17 जनवरी 2025: सकट चौथ को तिलकुट चतुर्थी, माघी चौथ या माघ संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं. सकट चौथ के दिन शुक्रवार व्रत भी है. इस दिन माघ कृष्ण चतुर्थी तिथि, मघा नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण, पश्चिम का दिशाशूल और सिंह का चंद्रमा है।
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 07:15 ए एम
सूर्यास्त- 05:48 पी एम
चन्द्रोदय- 09:09 पी एम
चन्द्रास्त- 09:32 ए एम
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