कांगड़ा जिला में भूकंप सुरक्षा और तैयारी को लेकर विशेष निर्देश जारी
कांगड़ा जिला में भूकंप सुरक्षा और तैयारी को लेकर विशेष निर्देश जारी
समस्त संस्थानों को अनिवार्य अभ्यास करने के आदेश, रिपोर्ट और तस्वीरें भेजनी होंगी जिला प्रशासन को
धर्मशाला
भूकंप की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील माने जाने वाले कांगड़ा जिला में प्रशासन ने आपदा प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों को और मजबूत बनाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिला दण्डाधिकारी हेमराज बैरवा ने सोमवार को सभी सरकारी, गैर-सरकारी संस्थानों, शैक्षणिक संस्थाओं और अन्य विभागों को कड़े निर्देश दिए कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर भूकंप सुरक्षा अभ्यास और ऑडिट पूरा करें।
ड्रॉप, कवर और होल्ड अभ्यास अनिवार्य
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश देते हुए कहा कि –
सभी संस्थानों को “ड्रॉप, कवर और होल्ड” भूकंप सुरक्षा अभ्यास अनिवार्य रूप से करवाना होगा।
यह अभ्यास अगले 2 दिनों के भीतर स्टाफ, विद्यार्थी एवं कर्मचारियों के लिए करवाना जरूरी है।
संबंधित संस्थान अपनी गतिविधियों की रिपोर्ट और तस्वीरें जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मोबाइल नंबर 94594-85243 पर भेजेंगे।
भवनों और परिसंपत्तियों का सुरक्षा ऑडिट
सभी संस्थानों को एक सप्ताह के भीतर अपनी संवेदनशील परिसंपत्तियों, महत्वपूर्ण भवनों और लाइफलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर (जैसे अस्पताल, स्कूल, प्रशासनिक भवन, पुल आदि) का त्वरित सुरक्षा ऑडिट करना होगा।
इसमें संरचनात्मक कमजोरियों की पहचान कर रिपोर्ट प्रशासन को देनी होगी।
भवनों की भूकंप सुरक्षा क्षमता की समीक्षा कर किसी भी कमी को दर्ज और साझा करना अनिवार्य होगा।
आपातकालीन संचार और निकासी योजनाएं
डीसी ने कहा कि संस्थान अपने आपातकालीन संचार प्रोटोकॉल को तुरंत अपडेट करें। इसके साथ ही –
आपदा की स्थिति में निकासी योजनाओं का अभ्यास किया जाए।
प्राथमिक उपचार, अग्नि सुरक्षा और बचाव उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
प्रत्येक संस्थान में सुरक्षित एकत्रीकरण स्थल चिन्हित कर प्रमुख कर्मचारियों व स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया जाए।
जागरूकता गतिविधियां भी होंगी अनिवार्य
जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है कि सभी संस्थान अपने स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाएं ताकि –
प्रत्येक विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी और सदस्य को यह जानकारी हो कि भूकंप से पहले, दौरान और बाद में किस तरह सुरक्षित रहना है।
सामुदायिक स्तर पर भी लोगों को भूकंप से निपटने की बुनियादी तकनीकें समझाई जाएं।
तैयारी ही सुरक्षा की कुंजी
डीसी हेमराज बैरवा ने कहा कि इन दिशा-निर्देशों का मकसद आपदा प्रबंधन व्यवस्था को मज़बूत करना और संभावित भूकंप की स्थिति में नुकसान को कम करना है। उन्होंने कहा कि –
“यह कार्यवाही केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि जमीनी तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करने का हिस्सा है।”
उन्होंने सभी संस्थानों को चेतावनी दी कि निर्धारित समय सीमा में
इन कार्यों को पूरा कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट भेजना अनिवार्य है।


कोई टिप्पणी नहीं