फतेहपुर विधायक भबानी सिंह पठानिया का सदन में बड़ा बयान – “अबैध खनन रोकने के लिए जमीन मालिकों पर दर्ज हों पर्चे”
फतेहपुर विधायक भबानी सिंह पठानिया का सदन में बड़ा बयान – “अबैध खनन रोकने के लिए जमीन मालिकों पर दर्ज हों पर्चे”
शिमला/फतेहपुर
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में फतेहपुर के विधायक भबानी सिंह पठानिया ने प्रदेश में बढ़ते अबैध खनन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि अबैध खनन न केवल पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के लिए खतरा है, बल्कि किसानों की आजीविका और उपजाऊ भूमि को भी बर्बाद कर रहा है।
🔹 जमीन मालिकों पर कार्रवाई की मांग
विधायक पठानिया ने कहा कि अब तक प्रशासन की कार्रवाई महज़ टिप्परों और ट्रैक्टरों के चालान काटने तक सीमित रही है। उन्होंने इसे “औपचारिकता” करार दिया और कहा कि असल दोषी वे जमीन मालिक हैं, जो लालच में अपनी जमीन क्रेशर मालिकों को खनन के लिए उपलब्ध करवाते हैं।
उन्होंने सदन में कहा –
“टिप्परों-ट्रैक्टरों का चालान काटना महज औपचारिकता है। जब तक उन जमीन मालिकों पर एफआईआर दर्ज नहीं होगी जो अपनी भूमि खनन के लिए देते हैं, तब तक यह अवैध कारोबार बंद नहीं होगा।”
🔹 किसानों की जमीन पर खतरा
विधायक ने चिंता जताई कि इस तरह का अवैध खनन बरसात के मौसम में और भी ज्यादा नुकसानदेह साबित होता है। जब नदियाँ और नाले उफान पर आते हैं तो खनन से कमजोर हुई भूमि सबसे पहले कटाव का शिकार होती है।
इससे किसानों की उपजाऊ जमीन बर्बाद हो जाती है।
कृषि पर निर्भर हजारों परिवारों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।
धीरे-धीरे ग्रामीण आजीविका पर सीधा असर पड़ रहा है।
🔹 मंड क्षेत्र के लिए तटीकरण जरूरी
भबानी सिंह पठानिया ने मंड क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि तटीकरण कार्य बेहद जरूरी हैं। यदि समय रहते नदियों और नालों के किनारों को पक्का न किया गया तो हर साल बाढ़ और कटाव की घटनाएं होंगी और जन-धन का भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में ठोस और स्थायी उपाय करने चाहिए।
🔹 सरकार से कड़ी कार्रवाई की अपील
फतेहपुर विधायक ने मांग की कि सरकार और प्रशासन अबैध खनन माफिया के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए।
जमीन मालिकों पर पर्चे दर्ज किए जाएं।
खनन करवाने वालों की जिम्मेदारी तय हो।
पर्यावरण और किसानों की सुरक्षा के लिए ठोस नीति बनाई जाए।
विधायक ने कहा कि यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए तो यह समस्या और विकराल रूप ले लेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाएगी और किसानों की आजीविका बचाने के लिए निर्णायक कार्यवाही करेगी।
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