राहत व पुनर्वास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें अधिकारी: डीसी हेमराज बैरवा
राहत व पुनर्वास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें अधिकारी: डीसी हेमराज बैरवा
धर्मशाला के समीप सुधेड़ में भूस्खलन क्षेत्र का उपायुक्त ने लिया जायजा, रोपवे संचालन फिलहाल निलंबित
धर्मशाला
कांगड़ा जिला में लगातार हो रही बरसात के बीच धर्मशाला के समीप सुधेड़ में भूस्खलन ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। स्थिति का जायजा लेने के लिए उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने आज मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
भविष्य के लिए स्थायी समाधान जरूरी
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने लोक निर्माण विभाग (PWD) को जल निकासी (ड्रेनेज) व्यवस्था सुधारने के लिए शीघ्र रिपोर्ट तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार भूस्खलन का एक बड़ा कारण वर्षा जल की निकासी में कमी है। इसलिए भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए स्थायी समाधान की योजना बनानी होगी।
उन्होंने खंड विकास अधिकारी (BDO) को निर्देश दिया कि प्रभावित क्षेत्र में घरों के आसपास वर्षा जल निकासी के लिए उचित प्रबंध किए जाएं ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
रोपवे संचालन फिलहाल बंद
निरीक्षण के उपरांत उपायुक्त ने धर्मशाला रोपवे परियोजना का भी दौरा किया। उन्होंने बताया कि रोपवे के समीप भूस्खलन की घटना को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसी कारण प्रशासन ने तात्कालिक प्रभाव से रोपवे संचालन को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के भू-वैज्ञानिक विशेषज्ञों, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों और नगर निगम धर्मशाला की तकनीकी समिति को दो दिनों के भीतर स्थल का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर ही यह निर्णय लिया जाएगा कि रोपवे को कब और कैसे पुनः शुरू किया जा सकता है।
भूकंप और आपदा प्रबंधन पर जोर
डीसी बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला की भौगोलिक संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने सभी संस्थानों और विभागों को भूकंप सुरक्षा और आपदा प्रबंधन तैयारियों को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आदेश दिया कि जिला के सभी संस्थान अपनी महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों, भवनों और लाइफलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर का त्वरित सुरक्षा ऑडिट कर जोखिमों और कमियों की पहचान करें।
अधिकारियों को सख्त निर्देश
डीसी ने जिला अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपदा राहत और पुनर्वास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
प्रभावित सड़कों की मरम्मत,
विद्युत आपूर्ति की बहाली,
और जलापूर्ति पुनर्स्थापना का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए।
जनता से अपील
उपायुक्त ने जनता से भी अपील की कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि सावधानी ही सुरक्षा है और प्रशासन की हर संभव कोशिश है कि प्रभावित लोगों को त्वरित राहत और आवश्यक सहयोग मिल सके।
कोई टिप्पणी नहीं