महिला सशक्तिकरण के लिए नई पहल – ऊना प्रशासन विधवा और एकल नारियों को देगा सिलाई मशीनें
महिला सशक्तिकरण के लिए नई पहल – ऊना प्रशासन विधवा और एकल नारियों को देगा सिलाई मशीनें
ऊना
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में सम्मानजनक जीवन जीने की राह दिखाने के लिए जिला प्रशासन ऊना ने एक नई पहल शुरू की है। सामर्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बीपीएल परिवारों से संबंध रखने वाली विधवा महिलाओं और एकल नारियों को सिलाई मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी। इस कदम का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
उद्देश्य – स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता
उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने जानकारी दी कि इस योजना का मुख्य मकसद जरूरतमंद महिलाओं को अपनी आजीविका चलाने के लिए साधन उपलब्ध कराना है। सिलाई मशीनें मिलने से महिलाएं सिलाई-कढ़ाई जैसे काम करके स्वयं का छोटा रोजगार शुरू कर सकती हैं और आर्थिक दृष्टि से मजबूत बन सकती हैं।
उन्होंने बताया कि योजना का लाभ 45 वर्ष या उससे कम आयु की विधवा महिलाएं और एकल नारियां उठा सकती हैं। शर्त यह है कि वे ऊना जिले की स्थायी निवासी हों और उनके पास आधार कार्ड तथा पंचायत द्वारा जारी बीपीएल प्रमाण पत्र मौजूद हो।
जिन महिलाओं को इस योजना का लाभ चाहिए, वे उपायुक्त कार्यालय में स्थित रेडक्रॉस सोसाइटी शाखा, कमरा नंबर 406 में संपर्क कर सकती हैं।
क्या है सामर्थ्य कार्यक्रम
‘सामर्थ्य’ कार्यक्रम उपायुक्त ऊना जतिन लाल की परिकल्पना से शुरू किया गया एक नवाचारी प्रयास है। इसे जिला प्रशासन ऊना द्वारा जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों के सहयोग से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।
इसका उद्देश्य केवल विधवा और एकल नारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए प्रशासन जरूरतमंद छात्राओं और महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और आर्थिक आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में भी मदद उपलब्ध करवा रहा है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
जिला प्रशासन का मानना है कि समाज में वास्तविक महिला सशक्तिकरण तभी संभव है जब महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के अवसर मिलें। सिलाई मशीनें प्रदान करने की यह पहल न केवल महिलाओं को रोजगार का अवसर देगी बल्कि उन्हें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के साथ जीवन जीने के लिए
प्रोत्साहित भी करेगी।
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