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नेरचौक मेडिकल कॉलेज से 41 डॉक्टरों का तबादला

 नेरचौक मेडिकल कॉलेज से 41 डॉक्टरों का तबादला — विधायक इंद्र सिंह गांधी बोले, मुख्यमंत्री सुखु की मंडी और बल्ह विरोधी नीति उजागर


 नेरचौक : अजय सूर्या /

लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक से एक साथ 41 डॉक्टरों के तबादले के आदेश जारी होने पर बल्ह विधानसभा क्षेत्र के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय मुख्यमंत्री की मंडी और बल्ह विरोधी मानसिकता का खुला प्रमाण है और कांग्रेस सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध की नीति को उजागर करता है।


विधायक इंद्र सिंह गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखु मंचों से भले ही कहते हों कि किसी क्षेत्र के साथ भेदभाव नहीं होगा, लेकिन उनके फैसले उनके ही बयानों को झूठा साबित करते हैं। एक साथ 41 डॉक्टरों को हटाना न केवल बल्ह क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय है, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं पर कुठाराघात है।


उन्होंने कहा कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज न केवल मंडी बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है। यहां से इतने बड़े पैमाने पर डॉक्टरों का तबादला करना यह दर्शाता है कि सरकार जानबूझकर इस महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थान को कमजोर करने की साजिश रच रही है।


विधायक ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही मंडी और विशेष रूप से बल्ह क्षेत्र की लगातार उपेक्षा की जा रही है। चाहे सरदार पटेल विश्वविद्यालय से कॉलेजों को अलग करने का मामला हो, विकास योजनाओं को रोकने की बात हो या अब मेडिकल कॉलेज की क्षमता घटाने की — हर कदम पर सरकार ने मंडी के साथ भेदभाव किया है।


इंद्र सिंह गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखु दो दिन पहले मंडी आकर घड़ियाली आंसू बहा रहे थे और विकास की बातें कर रहे थे, लेकिन शिमला लौटते ही मंडी की जनता के हितों पर वार करने वाले आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए।


उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार मंडी को इसलिए सजा दे रही है क्योंकि जिले की 10 में से 9 सीटों पर भाजपा का प्रतिनिधित्व है।

विधायक ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिया, तो भाजपा और बल्ह की जनता सड़क से लेकर विधानसभा तक आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह समझना होगा कि मंडी और बल्ह की जनता उनके इस भेदभावपूर्ण रवैये का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से देगी।

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