विधानसभा में चुने गए प्रतिनिधि विकास कार्यों के लिए धनराशि के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अपने भते व वेतन वृद्धि पर चुप क्यों
विधानसभा में चुने गए प्रतिनिधि विकास कार्यों के लिए धनराशि के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अपने भते व वेतन वृद्धि पर चुप क्यों
नूरपुर : विनय महाजन /
नूरपुर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में रोज विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से रोज़ कोई बेरोजगार युवाओं का प्रतिनिधि मंडल व कोई 70 साल से अटकी सड़क निर्माण का मुद्दा व कोई न्यूनतम वेतन की मांग व पेंशनर्स की मांग और तौ और विधायक भी विकास कार्यों के लिए अपने लिए धनराशि के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैंl लेकिन यह विधायक अपने वेतन-भत्ते बढ़ाने में एकजुटता का इतिहास रचते हैंl रोजगार उपलब्ध कराने में फिसड्डी और दस वर्ष से कम अवधि वाले सेवानिवृत कर्मचारियों को सम्मानजनक पेंशन देने के लिए सरकारी खजाना खाली होने की दुहाई देते हैंl जनता द्वारा चुने गए ऐसे प्रतिनिधि विधानसभा में जनहित की समस्याओं को रोकने की अपेक्षा अपने बढ़ाए गए भत्ते व वेतन वृद्धि के मामले को लेकर आपदा के दौरान क्यों चुप है? ऐसे प्रश्न लोगों की जुबान पर चर्चित हैं lइस मामले मे प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर संजीव गुलेरिया ने एक प्रेस विज्ञाप्ति मे कहा कि न्यु पेंशन स्कीम दस वर्ष से कम सेवाकाल वाले रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल इस से साफ जाहिर होता है कि हमारे विधायक जनता की अपेक्षाओं और कसोटी पर खरे नहीं उतरे और जनता की आवाज माननीय मुख्यमंत्री और सरकार तक पहुंचाने में असफल रहे हैंlइस से बड़ा प्रदेश का दुर्भाग्य क्या होगा ?नेता प्रतिपक्ष विधानसभा पटल में सरकार के जनहित में लिए गए फैसलों को पलटने या निरस्त करने की धमकी भरे लहजे में कह रहे हैं और फिर उस पर सफाई देने की नोबत आने पर स्पष्टीकरण दे रहे हैं कि मेरा कहने का मतलब ऐसा नहीं वैसा था जो कि उन की अदूरदर्शिता ही दिखाता है।


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