प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा एक पत्र रेलवे विभाग की कारगुजारी पर कांगड़ा रेल वैली की समस्या को लेकर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा एक पत्र रेलवे विभाग की कारगुजारी पर कांगड़ा रेल वैली की समस्या को लेकर
नूरपुर : विनय महाजन /
नूरपुर भारत जोड़ो एवं लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य पीसी विश्वकर्मा ने आज रेलवे विभाग की अयोग्य अक्षमता पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिख कर भेजाl पत्र मे कहा गया है कि कांगड़ा घाटी रेल व्यवस्था 2014 से चरमराई हुई है l यह जानकारी एक प्रेस विज्ञाप्ति में पीसी वर्मा द्वारा दी गई हैl इस मामले में क्षेत्र की जनता जिसमें कांग्रेस चंबा संसदीय क्षेत्र के लोग बहुत दुखी हैl इन क्षेत्र के लोगों को जिसमें सैनिक व पूर्व सैनिक तथा केंद्रीय मुलाजिम जिन्हें रेल यातायात की भारी असुविधा हो रही है l इतना ही नही इस विषय मे विशेषकर स्कूल ,कॉलेज, ट्रेनिंग,रोज मजदूरी करने दुकानों पर काम करने वाले दैनिक भोगी बरकर कर्मचारी जो अक्सर सामाजिक सेवाएं देने के लिए आवागमन में रेल सेवा का प्रयोग करते थे जो अभी तक परेशान हैं।विश्वकर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र मे लिखा कि एक चक्की नाम का पुल जो हिमाचल और पंजाब की सीमा को जोड़ता हैl इस रेल पुल का पुनर्निर्माण करते हुए लगभग चार साल हो गए लेकिन पुल का ट्रायल तक नहीं हो पाया जबकि अंग्रेजी हुकमत ने तीन साल में कांगड़ा घाटी का पूरा ट्रैक बिछा कर 1929 में ट्रेनें शुरू करदी थी। उन्होंने बताया कि 1973 में ज्वाली से गुलेर तक 40 किलोमीटर ट्रैक पौंग डेम की सीमा में आया लेकिन तीन साल में नया 40 किलोमीटर का रेल ट्रैक और 5 बड़े पुल चक्की पुल जितने और कई छोटे पुल पुलियों को बनाकर 1976 में रेल सेवाएं पुनः शुरू कर दी और वर्तमान में रेलवे विभाग तीन साल में एक पुल तक नहीं बना पाया। यह नए भारत की रेल तकनीकी कथा है lपीसी विश्वकर्मा ने धमकी दी कि जल्द ट्रायल नहीं हुआ और ट्रेनें बहाल न हुई तो वह इस विषय मे जनहित रोष यात्रा निकालेंगे और जनता को रेल विभाग की आक्रमणीयता का बखान और केंद्र सरकार की कांगड़ा रेल वैली के भेदभाव की मिशाल उजागर करेंगे lविश्वकर्मा ने कहा कि मोदी सरकार का रेलवे विभाग इतना लापरवाह है कि कांगड़ा के सांसदों की भी जनहित में सुनवाई करने की जगह आश्वासन देकर टालमटोल कर रहा हैl उन्होंने बताया कि पिछले दिनों रेलवे बोर्ड के एक सदस्य ने रेल मंत्री को इस मामले में भी अवगत कराया था उनको भी आश्वासन दिया गया लेकिन धरातल पर कोई भी परिणाम नजर नहीं आयाl पीसी वर्मा ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है इस मामले में तुरंत जनहित मे कदम उठाए जाएl उन्होंने यह प्रश्न भी पूछा है आखिरकार हिमाचल से इतना भेदभाव क्यों?


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