उपायुक्त तोरुल रवीश ने गुरुवार को नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जिला स्तरीय कमेटी की बैठक
उपायुक्त तोरुल रवीश ने गुरुवार को नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जिला स्तरीय कमेटी की बैठक
की अध्यक्षता करते हुए कहा कि नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में पांच मुख्य चरणों में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत प्रतिज्ञा अभियान, संकल्प अभियान, कुटुंब अभियान, ललकार अभिमान, तथा स्वाभिमान अभियान के रूप में विभिन्न चरणों में नशे के उन्मूलन के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के सहयोग से व्यापक कदम उठाए जाएंगे।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी शिक्षण संस्थानों में इस संबंध में नशे से ग्रसित छात्रों को रिपोर्ट करके उन्हें नशे से बाहर निकालने के लिए उपचार के लिए कदम उठाए । उन्होंने सभी शिक्षण संस्थाओं को निर्देश दिए कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैनात समन्वयकों के संपर्क सूत्र प्रत्येक संस्थान में उपलब्ध करवाए जाए ताकि जो भी छात्र नशे की गिरफ्त में है उसको बाहर निकालने के लिए उनके मित्र, परिवार तथा अध्यापक तुरंत उनकी मदद कर सकें।
उन्होंने निर्देश दिए कि नशे के उन्मूलन के लिए विभिन्न स्तरों पर सूचना, शिक्षा एवं संचार को बढ़ावा देते हुए जन जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है।
बैठक में जानकारी दी गई कि कल्याण विभाग द्वारा इस संबंध में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से तथा जैम सेशन करवा कर युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागृत किया जा रहा है।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन से जुड़ी हुई गतिविधियों के सभी केन्द्रों पर अनिवार्य रूप से ड्रग टेस्ट भी करवाए जा रहे हैं।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि इस कार्य में गैर सरकारी संस्थाओं, समाजसेवियों तथा समाज कार्य से जुड़े हुए स्वयंसेवकों को भी अभियान का एक हिस्सा बनाया जाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने निर्देश दिए कि इस संबंध में व्यापक जानकारी फैलाने के लिए नशे के दुष्प्रभावों तथा कोटपा कानून की जानकारी से संबंधित वीडियो क्लिप बनाकर सभी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच में पहुंचाए जाएं तथा नशे से संबंधित पर्यटन स्थलों में नशे की मांग को हतोत्साहित करते हुए साफ सुथरा पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि इसके लिए महिला मंडलों, युवक मंडल का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला मंडल इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं।
उपायुक्त ने कहा कि ललकार अभियान के तहत ड्रग्स अप्लाई चेन को तोड़ने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया शिक्षण संस्थानों से 100 मीटर की दूरी पर तंबाकू व अन्य नशीले पदार्थों को बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया है। जिस पर पुलिस द्वारा कड़ी नजर रख रही है तथा समय-समय पर जांच भी की रही है। उन्होंने कहा कि नशे की दृष्टि से हॉटस्पॉट स्थानों पर भी पुलिस गश्त बढ़ाई गई है।
उपायुक्त ने कहा कि जिले मे सभी होटल, होमस्टे, केमिस्ट शॉप, स्नूकर, राफ्टिंग अन्य साहसिक खेल गतिविधि स्थलों व टैक्सियों में चेतावनी संकेतक लगाये जायेंगे। जिन पर पुलिस नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नम्बर अंकित होगा।
उपायुक्त ने कहा कि कुल्लू जिला के दूरदराज जंगलों में की जाने वाली भांग की खेती पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। इसके लिए उपमंडल
अधिकारियों व पुलिस को ड्रोन उपलब्ध करवाए जाएंगे ताकि वे भांग की बुआई के समय से इस पर नजर रख सकें। उन्होंने कहा कि इससे भांग की बिजाई के बाद ही इसके पौधों को नष्ट किया जा सके। उन्होंने वन विभाग को जंगल की ओर जाने वाले रास्तों को चिह्नित कर चेक पोस्ट स्थापित करने को कहा ताकि जंगलों की तरफ जाने वालों पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि जिले में आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों, व नेपाल से आने वाले मजदूरों को नजदीकी थानों में अपना पंजीकरण करना होगा। साथ ही यदि किसी व्यक्ति के पास नेपाली या अन्य मजदूरी करते हैं तो उसकी सूचना भी नजदीकी थाने में देनी होगी।
उपायुक्त ने कहा कि कुल्लू जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए जमीनी स्तर से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करने के लिए अनेक पग उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में होने वाली पीटीए बैठक में नशे के दुष्प्रभाव से संबंधित वीडियो फिल्म दिखाया जाना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि जिले के उच्च तथा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला व प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों को प्रशिक्षित किया गया है जो स्कूलों में नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करेंगे।
डीएसपी राजेश कुमार ने पुलिस द्वारा जिले मे नशे के उन्मूलन के उठाये गए कदमो की जानकारी दी।
बैठक की कार्यवाही का संचालन जिला कल्याण अधिकारी गिरधारी लाल शर्मा ने किया। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारी
भी उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं